भारत सरकार और UNLF के बीच शांति समझौता
भारत सरकार और UNLF के बीच शांति समझौता
प्रिलिम्स के लिये:
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF), गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम, 1967 , सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौता , विद्रोही समूह, कुकी समूह, इनर लाइन परमिट (ILP), अनुच्छेद 244 (1), अनुच्छेद 244 (2)
मेन्स के लिये:
पूर्वोत्तर में उग्रवाद से निपटने के लिये शांति समझौते का विश्लेषण
चर्चा में क्यों?
xxx ही में भारत सरकारऔर मणिपुर सरकार नेयूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो मणिपुर का सबसे पुराना घाटी-आधारित विद्रोही समूह है।
यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) क्या है?
NLF का गठन वर्ष 1964 में हुआ था और यह राज्य के नगा-बहुल एवं कुकी-ज़ोमी प्रभुत्व वाली पहाड़ियों में सक्रिय विद्रोही समूहों से अलग है। UNLF उन सात "मैतेई चरमपंथी संगठनों" में से एक है जिन पर केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंध लगाया है।
UNLF भारतीय सीमा/क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम कर रहा है।
ऐसा माना जाता है कि UNLF को शुरुआत में NSCN (IM) से प्रशिक्षण मिला था, जो नगा गुटों में सबसे बड़ा विद्रोही समूह था।
यह मणिपुर के सभी घाटी क्षेत्रों और कुकी-ज़ोमी पहाड़ी ज़िलों के कुछ गाँवों में संचालित होता है।
यह एक प्रतिबंधित समूह है, यह अधिकतरम्याँमार की सेना के समर्थन से म्याँमार के सागांग क्षेत्र , चिन राज्यऔर राखीन राज्य में शिविरों एवं प्रशिक्षण अड्डों से संचालित होता है।
शांति समझौते का उद्देश्य:
इस समझौते से विशेष रूप से मणिपुर और उत्तर-पूर्व क्षेत्र में शांति के एक नए युग की शुरुआत में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
यह पहला उदाहरण है जहाँ घाटी के एक मणिपुरी सशस्त्र समूहने भारत के संविधानका सम्मान करने और देश के कानूनों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताते हुए हिंसा को त्यागने, समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है।
यह समझौता न केवल यूएनएलएफऔर सुरक्षा बलोंके बीच शत्रुता को समाप्त करेगा, जिसने विगत पाँच दशक से अधिक समय में दोनों पक्षों के बहुमूल्य जीवन जीने का दावा किया है, बल्कि समुदाय की दीर्घकालिक चिंताओं को दूर करने का अवसर भी प्रदान करेगा।
यूएनएलएफ की मुख्यधारा में वापसी से घाटी स्थित अन्य सशस्त्र समूहों को भी शांति प्रक्रिया में भाग लेने के लिये प्रोत्साहन मिलेगा। सहमत ज़मीनी नियमों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये एक शांति निगरानी समिति (पीएमसी) का गठन किया जाएगा।
मणिपुर के अन्य उग्रवादी समूह:
मणिपुर के कई अन्य विद्रोही समूह हकांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेइपाक (पीआरईपीएके), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड - खापलांग (एनएससीएन-के)।
2008 में केंद्र सरकार, मणिपुर राज्य और कुकी-ज़ोमी क्षेत्रके विद्रोही समूहोंको शामिल करते हुए एक त्रिपक्षीय सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) समझौता स्थापित किया गया था।
सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) संधि क्या है?
कुकीके साथ SoO समझौतेपर वर्ष 2008में भारत सरकारऔर मणिपुर व नगालैंडके पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय विभिन्न कुकी आतंकवादी समूहों के बीच युद्धविराम समझौते के रूप में हस्ताक्षर किये गए थे।
समझौते के तहत कुकी आतंकवादी समूह हिंसक गतिविधियों को बंद करने और निगरानी के लिये निर्दिष्ट शिविरों में सुरक्षा बलों के आने पर सहमत हुए। इसके बदले में भारत सरकार कुकी समूहों के खिलाफ अपने अभियान को निलंबित करने पर सहमत हुई।
संयुक्त निगरानी समूह (JMG) समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन की देख-रेख करता है।
राज्य और केंद्रीय बलों सहित सुरक्षा बल व भूमिगत समूह अभियान शुरू नहीं कर सकते।
विद्रोही समूहों से निपटने के लिये प्रशासनिक व्यवस्थाएँ क्या हैं?
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER):
यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की गति को तेज़ करने के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास योजनाओंऔर परियोजनाओं की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी से संबंधित मामलों के लिये ज़िम्मेदार है।
इनर लाइन परमिट (ILP):
मिज़ोरम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के स्वदेशी लोगों की मूल पहचानबनाए रखने के लिये बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है, इनर लाइन परमिट (ILP) के बिना बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं है।
संवैधानिक प्रावधान:
इन प्रावधानों के अनुसरण में कार्बी आंगलोंग, खासी पहाड़ी ज़िले, चकमा ज़िलेआदि जैसे विभिन्न जातीय समूहों की मांगों को पूरा करने के लिये विभिन्न स्वायत्त ज़िले बनाए गए हैं।
अनुच्छेद 244 (1)में प्रावधान है कि 5वीं अनुसूची के प्रावधान अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन या नियंत्रण पर लागू होंगे।
अनुच्छेद 244 (2)में प्रावधान है कि 6वीं अनुसूची के प्रावधान इन राज्यों में स्वायत्त ज़िला परिषदबनाने के लिये असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन या नियंत्रण पर लागू होंगे।
निष्कर्ष:
मणिपुर के साथ वृहद पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति लाने के लिये केंद्र और मणिपुर की सरकारों एवं UNLF के मध्य शांति समझौता आवश्यक है। ऐतिहासिक समझौता UNLF को मुख्यधारा में वापस लाकर लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों के समाधान की दिशा में अग्रसर है। जबकि अन्य विद्रोही समूहों के साथ तुलनीय समझौते क्षेत्रीय मुद्दों को हल करने और विकास को बढ़ावा देने के लिये निरंतर प्रयासों का संकेत देते हैं, शांति निगरानी समिति ज़मीनी मानदंडों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न. भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये बाहरी राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं द्वारा उत्पन्न बहुआयामी चुनौतियों का विश्लेषण करें, साथ ही इन खतरों से निपटने के लिये उठाए जाने वाले आवश्यक उपायों पर भी चर्चा कीजिये। (2021)
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