Contract
Ǒदãलȣ उūच ōयायालय : नई Ǒदãलȣ
आरͯ¢त: 14.02.2024
उदघोͪषत: 26.02.2024
आप.ͪव.वा. 2164/2022 और आप.ͪव.आ. 9155/2022
महदम
बावा बहǽɮदȣन नǽ
ल याͬचकाकता
ɮवारा: Įी ͧसɮधाथ[ खɪटर, Įी xxxx xxx और Įी ͫडͪवज एंडलȣ, अͬधवÈतागण
बनाम
कवेरȣ ÜलािèटÈस Ĥ×यथȸ
ɮवारा: सĮी अǑदǓत पंचाǐरया, अͬधवÈता
कोरम:
माननीय ōयायाधीश Įी xxxx xxxxx
Ǔनण[य
1. यह याͬचका भारतीय संͪवधान के अनुÍछे द 227 के तहत दायर कȧ गई है िजसे दंड ĤͩĐया संǑहता, 1973 कȧ धारा 482 के साथ पढ़ा गया है (सं¢ेप
मɅ, "दं.Ĥ.सं.") िजसमɅ आपराͬधक ͧशकायत संÉया 523804/2016 को रɮद
करने कȧ माग
कȧ गई है, िजसका शीषक
कावेरȣ Üलािèटक बनाम नाÝटो गज
इंͫडया Ĥाइवेट ͧलͧमटेड और अōय धाराओं के तहत पंजीकृ त 138/141/142 परĐाàय ͧलखत अͬधǓनयम, 1881 (सं¢ेप मɅ, "xx. आई. अͬधǓनयम"),
ͪवɮवान महानगर मिजèĚेट, xx. आई. अͬधǓनयम-04, कɅ ġȣय िजला, तीस
हजारȣ Ûयायालय, Ǒदǐलȣ (इसके बाद "महानगर मिजèĚेट" के Ǿप मɅ संदͧभत) के Ûयायालय के सम¢ लंǒबत है।
तØया×मक मैǑĚÈस
2. उपरोÈत ͧशकायत का मामला याͬचकाकता[ के ͨखलाफ Ĥ×यथȸ ɮवारा दायर ͩकया गया है, िजसमɅ याͬचकाकता[ को आरोपी सं.3. उÈत ͧशकायत मɅ
यह आरोप लगाया गया है ͩक आरोपी स.ं 1, अथात, नाÝटो गज इंͫडया Ĥाइवेट
ͧलͧमटेड ने यहाँ Ĥ×यथȸ के साथ एक समझौता £ापन ͩकया, जो ͩक
ͧशकायतकता[ है, 30.04.2012 पर, खसरा सं. 75, खेवट सं .61, खाता सं.112
और नई Ǒदǐलȣ के अजुन
नगर के अबादȣ मɅ िèथत गाँव-हुमाय पर
के खातोनी
सं .61/14 ने अंǓतम ǒबĐȧ ͪवलख
के Ǔनçपादन तक उÈत सप
ͪƣ को पɪटे पर
लेने पर भी सहमǓत åयÈत कȧ। इसने पɪटे पर दȣ गई संपͪƣ के ͧलए ͩकराए
के भग
तान के दाǓय×व के ͧलए कु छ चक
भी जारȣ ͩकए।
3. यह कहा गया है ͩक चक
सं. 876229 इंͫडयन ओवरसीज बक
, Ǒदǐलȣ
पर Ǒदनाͩं कत 12.05.2012, आरोपी सं.1 ɮवारा जारȣ कȧ गई 1 करोड़ ǽपये
(एक करोड़ ǽपये) कȧ राͧश ‘अपया[Üत धन’ ǑटÜपणी के साथ अनादǐरत वापस
कर Ǒदया गया था। यह आरोप लगाया गया है ͩक उÈत चक के अनादर पर,
Ĥ×यथȸ ने 08.06.2012 पर एक काननी मांग नोǑटस भेजा, िजस पर आरोपी
संÉया 4 और 5 ने गलत और तुÍछ जवाब Ǒदया। आरोप है ͩक आरोपी सं
.3/याͬचकाकता[ ने यहाँ मांग नोǑटस कȧ सवा से परहेज ͩकया।
4. ͧशकायत मɅ अͧभयुÈत, िजसमɅ याͬचकाकता[ भी शाͧमल है, को ͪवɮवान मेĚोपॉͧलटन मिजèĚेट ɮवारा पाǐरत Ǒदनांक 04.09.2012 के आदेश ɮवारा तलब ͩकया गया था।
5. हालांͩक वतमान मामले के ͧलए Ĥासंͬगक नहȣं ह,ै याͬचकाकता[ का कहना
है ͩक उसने Ĥ×यथȸ और उसके पǐरवार के सदèयɉ के ͨखलाफ भी ͧशकायत दज[ कȧ है, िजसके आधार पर उनके ͨखलाफ एक Ĥाथͧमकȧ दज[ कȧ गई है।
6. नोǑटस तैयार करने के चरण मɅ, याͬचकाकता[ ने सह-अͧभयुÈत के साथ,
आरोपमुÈत करने के ͧलए एक आवेदन दायर ͩकया, िजसमɅ तक[ Ǒदया गया ͩक
Ǒदनाͩं कत मांग के नोǑटस मɅ अͧभयुÈत को जारȣ ͩकए गए चक कȧ दोगुनी राͧश
का भुगतान करने के ͧलए कहा गया था और इसͧलए, xx. आई. अͬधǓनयम
कȧ धारा 138 के Ĥावधान (ख) के संदभ[ मɅ नहȣं था, और इस कारण से,
ͧशकायत बनाए रखने योÊय नहȣं थी। हालाͩँ क, उÈत आवदन को ͪवɮवान
मेĚोपॉͧलटन मिजèĚेट ɮवारा 06.10.2021 Ǒदनांͩकत एक आदेश ɮवारा खाǐरज
कर Ǒदया गया था, िजसमɅ कहा गया था ͩक यह बनाए रखने योÊय नहȣं है।
इसके बाद याͬचकाकता[ ने xxxxx याͬचका दायर कȧ ह।ै
याͬचकाकता[ के ͧलए ͪवɮवान अͬधवÈता ɮवारा ĤèतुǓतयाँ
7. याͬचकाकता[ के ͪवɮवान अͬधवÈता ने Ĥèतुत ͩकया ͩक ͪवचाराधीन चक
1 करोड़ ǽपये कȧ राͧश का था, हालांͩक, Ǒदनांक 1 के माग नोǑटस ɮवारा,
Ĥ×यथȸ ने याͬचकाकता[ से 2 करोड़ ǽपये कȧ राͧश का भगतान करने कȧ माग
कȧ थी। के Ǔनणय
ɉ पर Ǔनभर
ता रखना उÍचतम Ûयायालय ने सम
न सेठȤ बनाम
xxx xx . चर
ȣवाल और अōय (2000) 2 xx. xx. xx. 380 और xxxxx xxxxx
बनाम अǐरहंत फǑट[लाइजस[ एंड के ͧमकãस और अōय, (2008) 2 xx. xx. xx.
321, वह Ĥèतुत करता है ͩक ͧशकायत बनाए रखने योÊय नहȣं है Èयɉͩक चके
राͧश से अͬधक कȧ मांग Ĥ×यथȸ ɮवारा मांग सचना मɅ कȧ गई है।
8. वह आगे Ĥèतुत करता है ͩक Ĥ×यथȸ कȧ याͬचका ͩक 08.06.2012
Ǒदनाͩं कत कानूनी नोǑटस मɅ एक मġ
ण संबंधी ğǑु ट थी, न के वल झठ
Ȥ है, बिǐक
ͧशकायत को बनाए रखने योÊय बनाने के ͧलए भी èवीकार नहȣं ͩकया जा
सकता है Èयɉͩक इस गलती का लाभ, यǑद कोई हो, तो आरोपी के प¢ मɅ
होना चाǑहए। जब तक चक
कȧ राͧश कȧ माग
नहȣं कȧ जाती है, भले हȣ वह
ͧलͪपकȧय गलती से हो, तब तक ͧशकायत बनाए रखने योÊय नहȣं होगा।समथन
मɅ, वह मस
स[ याक
े ĜÊस और फामा[èयǑु टकãस ͧलͧमटेड हैदराबाद बनाम मेसस
ͧसटȣ बक 2001 एससीसी ऑनलाइन एपी 381; मामले मɅ आंĢ Ĥदशे उÍच
Ûयायालय के फै सलɉ पर भरोसा करते हɇ। पंजाब और हǐरयाणा उÍच Ûयायालय मɅ xxxxx फै ǒĦÈस Ĥाइवेट मɅ बनाम xxxxxxxx, ढȣंगरा के माͧलक; हèतͧशãप 2014 xx. xx. xx. ऑनलाइन पी एंड एच 24809; के रल उÍच Ûयायालय मɅ
रामराज बनाम xxxxx xx मार टȣ. एस., 2014; xx. xx. xx. ऑनलाइन के र 7009; मÚयĤदेश उÍच Ûयायालय गोकु लदास बनाम अटल ǒबहार और अōय,
2017 xx. xx. xx. ऑनलाइन एम. पी. 1583; और कना[टक उÍच Ûयायालय
के xx .xxxxx बनाम टȣ. मुक
ंु द, (Ǔनणय
Ǒदनांक 29.07.2021 दािÖडक अपीलȣय
सं.1011/2010 मɅ पाǐरत) मामले का संदभ[ देखा जा सकता है।
9. वे Ĥèतत करते हɇ ͩक Ĥ×यथȸ कȧ यह दलȣल ͩक Ǒदनांक 08.06.2012 क
नोǑटस मɅ ͧलͪपकȧय गलती थी Èयɉͩक 2 करोड़ ǽपये कȧ राͧश के ͧलए एक
सǑहत एक से अͬधक नोǑटस Ĥ×यथȸ ɮवारा एक साथ जारȣ ͩकए गए थ, गलत
है, Èयɉͩक 2 करोड़ ǽपये के चक के अनादर के ͧलए नोǑटस के वल
14.09.2012 को जारȣ ͩकया गया था, यानी ͪवचाराधीन नोǑटस के तीन महȣने से अͬधक समय बाद।
Ĥ×यथȸ के ͧलए ͪवɮवान अͬधवÈता ɮवारा ĤèतुǓतयाँ
10. दसरȣ ओर, Ĥ×यथȸ का ͪवɮवान अͬधवÈता Ĥèतुत करता है ͩक Ǒदनांͩकत 08.06.2012 कानूनी नोǑटस मɅ एक ͧलͪपकȧय गलती थी। वह Ĥèतुत करती है
ͩक चंͩू क आरोपी ɮवारा एक से अͬधक चक जारȣ ͩकए गए ह।ɇ 1, चक क
अपमान पर एक से अͬधक xxXxx एक साथ तैयार ͩकए गए थे।गलती स, 2
करोड़ ǽपये कȧ राͧश, जो एक अÛय चक के संबंध मɅ थी, का उǐलेख स
संबंͬधत Ǒदनांͩकत 08.06.2012 के नोǑटस मɅ माग के Ǿप मɅ ͩकया गया था।
1 करोड़ ǽपये का चक
, जो वतम
xx याͬचका का ͪवषय है। वह Ĥèतुत करती है
ͩक ͧशकायत वष[ 2012 से Ǔनणय के ͧलए लंǒबत ह,ै और इसͧलए, इसे रɮद
नहȣं ͩकया जाना चाǑहए। वह Ĥèतत करती है ͩक नोǑटस के बावज ,
याͬचकाकता[ और xXx अͧभयुÈतɉ ने नोǑटस तैयार करने के चरण तक
उपरोÈत ͧशकायत नहȣं उठाई। वह Ĥèतत करती है ͩक चͩंू क यह के वल एक
ͧलͪपकȧय ğǑु ट है, इसͧलए याͬचकाकता[ को अपराध से मÈ चाǑहए।
ͪवæलेषण और Ǔनçकष[
त नहȣं ͩकया जाना
11. मन है।
े प¢कारɉ के ͪवɮवान वकȧलɉ ɮवारा कȧ गई दलȣलɉ पर ͪवचार ͩकया
12. xx. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा 138 Ǔनàनानसार है:
“138. खाते मɅ धन कȧ अपया[Üतता आǑद के ͧलए चक का
अनादर।—जहां ͩकसी åयिÈत ɮवारा ͩकसी ऋण या अÛय दाǓय×व
के पूण[ या आंͧशक Ǿप से Ǔनवहन के ͧलए उस खाते से ͩकसी
अÛय åयिÈत को ͩकसी अÛय åयिÈत को ͩकसी भी राͧश क
भुगतान के ͧलए ͩकसी बकर के साथ रखे गए खाते से Ǔनकाला
गया कोई भी चक बक ɮवारा भुगतान ͩकए ǒबना वापस कर
Ǒदया जाता है, या तो इस कारण से ͩक उस खाते मɅ जमा कȧ
गई राͧश चक वह उस बकɇ
का सàमान करने के ͧलए अपया[Üत है या ͩक के साथ ͩकए गए समझौते ɮवारा उस खाते से
भुगतान करने के ͧलए åयविèथत राͧश से अͬधक है, तो ऐसे åयिÈत को अपराध करने वाला माना जाएगा और इस
अͬधǓनयम के ͩकसी अÛय Ĥावधान पर ĤǓतकू ल Ĥभाव डाले ǒबना 4 [एक अवͬध जो दो साल तक बढ़ाई जा सकती है] के
कारावास या जुमा[ने से दंͫडत ͩकया जाएगा जो चेक कȧ राͧश स दोगुनी हो सकती है, या दोनɉ के साथ:
बशतȶ ͩक इस धारा मɅ ǓनǑहत कु छ भी तब तक लागू नहȣं होगा जब तक ͩक -
(क) चक
को बक
को उस तारȣख से छह महȣने कȧ अवͬध
के भीतर Ĥèतुत ͩकया गया है िजस Ǒदन इसे तैयार ͩकया
गया है या इसकȧ वैधता कȧ अवͬध के भीतर, जो भी पहले हो;
(ख) Ĥापक या धारक, जैसा भी मामला हो, चक के Ǔनयत
समय मɅ, चक के Ĝॉअर को एक नोǑटस दके र उÈत राͧश
के भुगतान कȧ मांग करता है; ͧलͨखत Ǿप मɅ, बक स
उसके ɮवारा चक के भुगतान के बारे मɅ जानकारȣ ĤाÜत
होने के 5 [तीस Ǒदनɉ के भीतर]; और
(ग) इस तरह के चक
का आहरणकता[ उÈत स
ना कȧ
ĤािÜत के पंġह Ǒदनɉ के भीतर, चक के Ǔनयत समय मɅ,
ĤाÜतकता[ को या, जैसा भी मामला हो, धारक को उÈत राͧश का भुगतान करने मɅ ͪवफल रहता है।
èपçटȣकरण — इस धारा के Ĥयोजनɉ के ͧलए, "अÛय दाǓय×व के ऋण" का अथ[ है कानूनी Ǿप से लागू करने योÊय ऋण या अÛय दाǓय×व।”
13. सम
न सेठȤ (पव
ȾÈत) मामले मɅ उÍचतम Ûयायालय ने माना है ͩक मांग
का नोǑटस चक
कȧ राͧश का होना चाǑहए।यǑद चक
कȧ राͧश के अलावा, Þयाज
या लागत के Ǿप मɅ आगे कȧ माग कȧ जाती ह,ै तो यह नोǑटस कȧ भाषा पर
Ǔनभर
करेगा ͩक Èया यह कानन
ी Ǿप से खराब है। जहां एक सवå
यापी माग
यह ǓनǑद[çट ͩकए ǒबना कȧ जाती है ͩक असàमाǓनत चक के तहत Èया देय
था, तो नोǑटस कानन
ी आवæयकता को पर
ा करने मɅ ͪवफल रहेगा। उÍचतम
Ûयायालय ने Ǔनàनानसार अͧभǓनधा[ǐरत ͩकया है:-
“8. यह कानून का एक सुåयविèथत ͧसɮधांत है ͩक नोǑटस को समĒ Ǿप से पढ़ा जाना चाǑहए। नोǑटस मɅ, "उÈत राͧश" यानी
चक राͧश कȧ मांग कȧ जानी चाǑहए।यǑद ऐसी कोई मांग नहȣं
कȧ जाती है तो कोई संदेह नहȣं है ͩक नोǑटस इसकȧ कानूनी आवæयकता से कम होगा। जहाँ "कͬथत राͧश" के अलावा Þयाज, लागत आǑद के Ǿप मɅ भी दावा ͩकया जाता है ͩक Èया नोǑटस
खराब है यह नोǑटस कȧ भाषा पर Ǔनभर करेगा।यǑद ͩकसी
स ना मɅ दावे का ͪववरण देते समय चक राͧश, Þयाज, हजा[ना
आǑद अलग से ǓनǑद[çट ͩकए जाते हɇ, तो Þयाज, लागत आǑद के
ͧलए ऐसे अÛय दावे अनावæयक हɉगे और ये अǓतǐरÈत दावे अलग ͩकए जा सकते हɇ और सूचना को अमाÛय नहȣं करɅगे।
हालाँͩक, यǑद नोǑटस मɅ यह ǓनǑद[çट ͩकए ǒबना एक सवåयापी
मांग कȧ जाती है ͩक असàमाǓनत चक के तहत Èया दये था,
तो नोǑटस कानूनी आवæयकता को पूरा करने मɅ ͪवफल हो सकता है और इसे खराब माना जा सकता है।”
14. उपरोÈत ͪवचार को सवȾÍच Ûयायालय ɮवारा xxxxx xxxxx[ (पव दोहराया गया था, िजसमɅ कहा गया था:-
“10. एक ͧशकायत को बनाए रखने के ͧलए एक नोǑटस कȧ सेवा, यह तुÍछ है, चǐरğ मɅ अǓनवाय[ है। यह एक कानूनी कǐपना पैदा करता है। अͬधǓनयम कȧ धारा 138 का संचालन
परंतुक ɮवारा सीͧमत है। जब परंतुक लागू होता है, तो मुÉय
ȾÈत) मɅ
खड लागू नहȣं होगी। जब तक अͬधǓनयम कȧ धारा 138 क
Ĥावधान (ख) के अनुǾप कोई नोǑटस जारȣ नहȣं ͩकया जाता है, तब तक ͧशकायत याͬचका ͪवचारणीय नहȣं होगी। संसद ने उÈत
Ĥावधान को लागू करते समय जानब कर कु छ शतɏ लगाई थीं।
शतɟ मɅ से एक चक कȧ राͧश के भुगतान कȧ मांग करने वाले
नोǑटस कȧ सेवा थी जो "उÈत राͧश का भुगतान" वाÈयांश के उपयोग से èपçट है। इस तरह कȧ सूचना भुगतान न ͩकए गए
चक कȧ वापसी के संबंध मɅ बक से जानकारȣ ĤाÜत होने कȧ
तारȣख से 30 (xx. xx. xx. 15) Ǒदनɉ कȧ अवͬध के भीतर जारȣ कȧ जानी चाǑहए।अͬधǓनयम मɅ दंडा×मक Ĥावधानɉ को लागू करने कȧ पǐरकǐपना कȧ गई है। एक दंडा×मक Ĥावधान
का कड़ाई से अथ[ लगाया जाना चाǑहए; पवू वतȸ शत[ िजसक
ͧलए नोǑटस कȧ सेवा है। यह कहना एक बात है ͩक मांग न
के वल चक के तहत अवैतǓनक राͧश का ĤǓतǓनͬध×व कर सकती
है, बिǐक लागत और Þयाज जैसे अÛय आनुषंͬगक खचɟ का भी ĤǓतǓनͬध×व कर सकती है, लेͩकन इसका मतलब यह नहȣं होगा
ͩक सूचना अèपçट और मɅ स¢म होगी। åयाÉयाएँ। अनादǐरत
चके सवå
के तहत देय राͧश के बारे मɅ ǓनǑद[çट ͩकए ǒबना एक यापी सूचना कानून कȧ आवæयकता को कम नहȣं
करेगी।Ĥ×यथȸ सं. 1 को उस राͧश का भुगतान करने के ͧलए
नहȣं कहा गया था जो उसके ɮवारा जारȣ ͩकए गए चक के तहत
देय थी। िजस राͧश का भुगतान करने के ͧलए कहा गया था, वह ǒबलɉ कȧ बकाया राͧश थी यानी 8,72,409 िजसमɅ नोǑटस ĤाÜतकता[ को उÈत मांग का जवाब देना था। इसके अनुसार, इसे 8,72,409 ǽपये कȧ पूरȣ राͧश कȧ पेशकश करनी थी। उस पर 1,00,000 कȧ उÈत राͧश का भुगतान करने कȧ कोई मांग
नहȣं कȧ गई थी, िजसे ͧशकायतकता[ को Ǒदनांक 30-4-2000 के
चक ɮवारा Ǒदया गया था।इसͧलए जो मांग कȧ गई थी वह प ȣ
राͧश थी न ͩक उसका Ǒहèसा।”
15. इस संबंध मɅ इस Ǔनणय
का भी उǐलख
ͩकया गया है। मस
स[ एलायंस
इōĥाèĚÈचर ĤोजेÈट Ĥाइवेट ͧलͧमटेड और अōय बनाम ͪवनय ͧमƣल, 2010
xx. xx. xx. ऑनलाइन डल गया था:-
182, िजसमɅ यह Ǔनàनानस
ार आयोिजत ͩकया
“12. … … …...मेरे ͪवचार से, इस Ĥकार के मामले मɅ, परĐाàय
ͧलखत अͬधǓनयम कȧ धारा 138 (ख) मɅ उपयोग कȧ गई "धन
कȧ राͧश" का अथ[ होगा चक के ɮवारा ĤाÜतकता[ को वाèतव मɅ
Ĥदत देय राͧश। xxxx, यǑद चक का ĤाÜतकता[ Þयाज, मुआवजे,
आकिèमक खच[ आǑद के कारण कु छ मांग करता है, तो यह
xxXxx को तब तक अमाÛय नहȣं करेगा जब तक ͩक चक क
ĤाÜतकता[ ɮवारा मांगी गई मूल राͧश सहȣ है और नोǑटस मɅ èपçट Ǿप से पहचानी गई है। जब मांग कȧ सूचना मɅ दावा कȧ
गई मलू राͧश चक
के ĤाÜतकता[ को वाèतव मɅ देय म
राͧश
से अͬधक है और सूचना भी अǓतǐरÈत राͧश कȧ मांग के ͧलए
आधार का सके त नहȣं देती है, तो इस तरह कȧ स ना को
परĐाàय ͧलखत अͬधǓनयम कȧ धारा 138 (ख) मɅ पǐरकिǐपत
कानूनी और वैध स ना नहȣं कहा जा सकता है। ऐसे मामले मɅ,
यह खला नहȣं है। ͧशकायतकता[ को यह याͬचका दायर करने क
ͧलए ͩक चक
का Ĝॉअर चक
के ĤाÜतकता[ को अपनी ओर स
देय वाèतͪवक राͧश का भुगतान करके दाǓय×व से बच सकता था। नोǑटस को वैध और माÛय बनाने के ͧलए, इसे अǓनवाय
Ǿप से चक
के ĤाÜतकता[ को देय म
राͧश को ǓनǑद[çट करना
चाǑहए और चक के माÚयम से आदͧशे त मलू राͧश उसके ɮवारा
देय वाèतͪवक राͧश से अͬधक नहȣं होनी चाǑहए, हालांͩक नोǑटस मɅ कु छ अÛय आदेशɉ को जोड़ने से ऐसा नोǑटस अवैध या अमाÛय नहȣं होगा।”
16. इसͧलए xx. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के Ĥावधान (ख) को Úयान
मɅ रखते हुए, ͧशकायत दज[ करने के ͧलए वाद हेतक के वल तभी ĤाÜत होगा जब ͧशकायतकता[ चके
कारण ͧशकायतकता[ को कȧ वापसी के बारे मɅ
ͧशकायतकता[ ɮवारा बक से जानकारȣ ĤाÜत होने के 30 Ǒदनɉ के भीतर चक क
दराज को ͧलͨखत Ǿप मɅ नोǑटस देकर "उÈत राͧश" के भगतान कȧ मांग करता
है। उÍचतम Ûयायालय ने èपçट ͩकया है ͩक xx. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा
138 के Ĥावधान (ख) मɅ उिǐलͨखत "उÈत राͧश" चक राͧश है। यह भी èपçट
ͩकया गया है ͩक यǑद ऐसी कोई माग नहȣं कȧ जाती ह,ै तो नोǑटस काननी
आवæयकता से कम होगा।यह आगे èपçट ͩकया गया है ͩक यǑद नोǑटस मɅ
कोई अǓतǐरÈत दावे भी ͩकए जाते हɇ, जब तक ͩक वे Ĥकृ Ǔत मɅ अलग नहȣं होते हɇ, तो ͧशकायत दज[ करने के ͧलए वाद हेतुक कारण ͪवफल हो जाएगा।इस संबंध मɅ उÍचतम Ûयायालय साथ हȣ xxxxxxx xxxx xxx xxxx बनाम Xxxxx xxXxxxx xxxx और xxx (2023) 1 xx. xx. xx. 578, के फै सले का भी संदभ[ Ǒदया जा सकता है।
17. वतमान मामले म,Ʌ èवीकाय[ Ǿप से, 08.06.2012 Ǒदनाͩं कत माग क
नोǑटस मɅ इसने अǓतǐरÈत राͧश 1 करोड़ कȧ माग करने के बजाए राͧश 2
करोड़ कȧ माग का कारण भी नहȣं बताया। इसͧलए, उपरोÈत ǓनǑदçट[ Ǔनणयɉ
को Úयान मɅ रखते हुए, नोǑटस एन. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के Ĥावधान (ख) के अनपालन मɅ नहȣं था।
18. जहाँ तक Ĥ×यथȸ के ͪवɮवत वकȧल का यह Ǔनवेदन है ͩक नोǑटस मɅ टंकण संबंधी ğǑु ट थी, हालाͩँ क याͬचकाकता[ के ͪवɮवत वकȧल ने इस बात पर जोर देकर ͪववाद ͩकया है ͩक ͪवचाराधीन नोǑटस के साथ-साथ Ĥ×यथȸ ɮवारा 2
करोड़ ǽपये कȧ राͧश से संबंͬधत चक के ͧलए कोई अÛय नोǑटस जारȣ नहȣ
ͩकया गया था, इस Ûयायालय को इस èतर पर इस ͪववाद मɅ Ĥवेश करने कȧ आवæयकता नहȣं है। एन. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा 138 आपराͬधक दाǓय×व को जÛम देती है। इसͧलए इसका सÉती से अथ[ लगाया जाना चाǑहए और इसे लागू करने कȧ शत[ का सÉती से पालन ͩकया जाना चाǑहए।
19. गोकु लदास (पव
ȾÈत) मɅ, मÚय Ĥदेश के उÍच Ûयायालय को वाèतव मɅ
उस िèथǓत का सामना करना पड़ा था जहां चक राͧश ǽ.4,30,000/- थी
हालाͩँ क, एक टंकण संबंधी ğǑु ट के कारण, नोǑटस मɅ के वल ǽ.43,000/-, यानी
कम राͧश कȧ माग कȧ गई थी। इसके बावजूद, Ûयायालय ने Ǔनàनͧलͨखत
ǑटÜपणी करते हुए ͧशकायत को रɮद कर Ǒदया:
“20. के वल यह कहकर ͩक वैधाǓनक सूचना मɅ इस Ĥकार उिǐलͨखत राͧश टंकण संबंधी ğǑु ट के कारण गलत थी, इस Ûयायालय कȧ सुͪवचाǐरत राय मɅ, ͧशकायतकता[ परĐाàय ͧलखत अͬधǓनयम कȧ धारा 138 (ख) के तहत उसके ɮवारा जारȣ ͩकए गए सूचना से छु टकारा नहȣं पा सकता है। परĐाàय ͧलखत
अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के Ĥावधान दंडा×मक Ĥकृ Ǔत के हɇ और इसͧलए, Ĥावधानɉ का सÉती से अथ[ लगाया जाना चाǑहए।”
20. इसी तरह, आंĢ Ĥदेश उÍच Ûयायालय ने मस
स[ याक
े पज
ĜÊस एंड
फामा[èयǑु टकãस ͧलͧमटेड हैदराबाद (पव
ȾÈत) का सामना ͩकया गया था। इस
तØय के साथ ͩक हालांͩक बक
ɮवारा अनादर ͩकया गया चक
9,972/- ǽपये
का था, लेͩकन नोǑटस मɅ के वल 3,871/- ǽपये कȧ माग कȧ गई थी। इस
ͪवसगǓत को ͩफर से एक टकं ण संबंधी ğǑु ट के Ǿप मɅ समझाने कȧ कोͧशश कȧ
गई। हालाͩँ क, ͧशकायतकता[ के उÈत Ǔनवद हुए खाǐरज कर Ǒदया था:
न को अदालत ने Ǔनàनानस
ार देखत
“15. मɇ इस तक[ से सहमत नहȣं हो सकता। जसा ͩक पहले हȣ
उǐलेख ͩकया जा चका ह,ै नोǑटस दने ा और अनादǐरत चक
ɮवारा कवर कȧ गई राͧश के भुगतान कȧ मांग करना
अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के तहत अपराध के मुÉय घटकɉ मɅ से एक है। यǑद वह मुÉय घटक गायब है, तो धारा 138 के
तहत कोई अपराध नहȣं माना जाता है। इसके अलावा, जसा ͩक
इस Ûयायालय ɮवारा एच. एल. अĒवाल बनाम राके श अĒवाल,
1997 (1) ए. एल. टȣ. (आप.) 678 मɅ पहले हȣ कहा जा चका
है, अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के तहत अपराध "एक तकनीकȧ अपराध है" अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के तहत ͪवचार कȧ गई सभी तकनीकȧ औपचाǐरकताओं का पालन ͩकया जाना चाǑहए।
16. उपरोÈत चचा[ को Úयान मɅ रखते हुए, यह माना जाना चाǑहए ͩक Ĥथम Ĥ×यथȸ-ͧशकायतकता[ ɮवारा दायर ͧशकायत, ĤथमǺçटया अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के तहत एक अपराध का
खलासा करने मɅ ͪवफल रहȣ। इसͧलए याͬचकाकता[-अͧभयुÈत पर
मुकदमा नहȣं चलाया जा सकता है और उसके ͨखलाफ शुǾ कȧ
गई आपराͬधक कायवाहȣ को रɮद करना होगा।”
21. छाबड़ा फै ǒĦÈस Ĥाइवट
ͧलͧमटेड (पव
ȾÈत) मɅ, उÍच Ûयायालय पंजाब और
हǐरयाणा को इस तØय के साथ Ĥèतुत ͩकया गया ͩक अनादर ͩकए गए चक
कȧ संÉया मɅ ͪवसगǓत थी। टाइपोĒाͩफक ğǑु ट का आरोप लगाकर इसे ͩफर स
समझाने कȧ कोͧशश कȧ गई। हालाͩँ क, Ûयायालय ने ͧशकायतकता[ के उÈत
Ǔनवेदन को Ǔनàनानस
ार ǑटÜपणी करते हुए खाǐरज कर Ǒदया:
“7. Ǔनͪवव मɅ एक-दसू
ाद Ǿप से, दोनɉ प¢ɉ के पास थाहथकरघा के संबंध रे के साथ åयापाǐरक लेन-देन।यह ǐरकॉड[ मɅ आया है
ͩक आरोपी ने ͧशकायतकता[ को सुर¢ा चक के Ǿप मɅ चक स
.476844 जारȣ ͩकया था, िजसे उसने ₹3,26,565.51 के ͧलए
ǒबल सं.248 Ǒदनांͩकत 25/09/1995 के ͧलए आंͧशक भुगतान के Ǿप मɅ ₹4 कȧ राͧश भरकर नकदȣकरण के ͧलए Ĥèतुत
ͩकया था, लेͩकन ऋण लेने वाले बक ɮवारा धन कȧ åयवèथा न
करने के कारण इसका अनादर ͩकया गया था।हालाͩँ क,
आæचयजनक Ǿप से, ͧशकायतकता[ ने आरोपी को एक कानूनी
नोǑटस Ǒदया, िजसका Ǒदनांक 26/09/1995 था, जो èपçट Ǿप
से ͪववादĒèत चक के ͧलए नहȣं था।यह सच हो सकता है ͩक
चक संÉया टाइप करते समय उÈत कानूनी स ना मɅ मġणु
संबंधी ğǑु ट थी, लेͩकन इस तरह कȧ मुġण संबंधी ğǑु ट, यǑद कोई हो, तो परĐाàय ͧलखत अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के अǓनवाय[ Ĥावधानɉ के अनुपालन को पूरा नहȣं करती है और
ͧशकायतकता[ के ͧलए एकमाğ राèता आरोपी को एक नया
कानूनी सूचना देना था जो èवीकार ͩकया जाता है ͩक वतमान
मामले मɅ नहȣं ͩकया गया है और इसͧलए यह Ǔनçकष[ Ǔनकालना सुरͯ¢त है ͩक अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के अǓनवाय
Ĥावधानɉ के वैधाǓनक अनुपालन के अभाव मɅ, वतमान ͧशकायत
बनाए रखने योÊय नहȣं है।Ǔनचलȣ अदालत ने मामले के उÈत पहलू कȧ सराहना कȧ और सहȣ Ǔनçकष[ पर पहुंचा ͩक
ͧशकायतकता[ आरोपी के ͨखलाफ आरोपɉ को èथाͪपत करने मɅ बुरȣ तरह ͪवफल रहा है और इस Ĥकार उसके ɮवारा दायर
ͧशकायत को खाǐरज करते हुए आरोपी को बरȣ कर Ǒदया।”
22. के रल उÍच Ûयायालय ने रामराज (पवȾÈत) मामले मɅ एक बार ͩफर
के वल चक कȧ राͧश का दावा करने के ͧलए नोǑटस कȧ आवæयकता पर जोर
देते हुए कहा:
“10. एक वैध अͧभयोजन यू/एस मɅ।138 परĐाàय ͧलखत अͬधǓनयम के अनुसार, मेरा ͪवचार है ͩक ͧशकायत को बनाए रखने के ͧलए नोǑटस देना अǓनवाय[ है। संसद ने धारा 138 को
लागू करते समय एक शत[ लगाई ͩक, चक के भुगतान कȧ मांग
करते हुए ͧलͨखत मɅ स
ना देकर राͧश देना आवæयक है। इस
तरह कȧ सूचना वैधाǓनक अवͬध के भीतर जारȣ कȧ जानी
चाǑहए। सशत[ उदाहरण चक कȧ राͧश कȧ मांग करना है।
अनादǐरत चक राͧश से बड़ी राͧश कȧ मांग करने वाला नोǑटस
आवæयकता को पूरा नहȣं करेगा। अनुलÊनक-III मɅ देय राͧश के Ǿप मɅ Ǿपये 80 लाख कȧ राͧश का उǐलेख ͩकया गया था, लेͩकन वाèतव मɅ उधार लȣ गई राͧश के वल 8 लाख ǽपये है।
इसͧलए, एन. आई अͬधǓनयम कȧ धारा 138 (ख) के अनुसार Ĥथम Ĥ×यथȸ ɮवारा कोई मांग नहȣं कȧ गई थी। जब तक एन. आई अͬधǓनयम 138 (ख) के साथ सहमǓत मɅ कोई नोǑटस नहȣं
Ǒदया जाता है, तब तक ͧशकायत बनाए रखने योÊय नहȣं होगी।
वतम
ान मामले मɅ, चक
राͧश के भुगतान के ͧलए कोई मांग
नहȣं कȧ गई थी। यǑद अनुलÊनक-III नोǑटस के साथ मुकदमा
चलाया जाता है, तो यह Ûयायालय कȧ ĤͩĐया का दǽपयोग है।”
23. कना[टक उÍच Ûयायालय को, के गोपाल (पव
िèथǓत का सामना करना पड़ा, जहां हालांͩक िजन चके
ȾÈत) मɅ, ͩफर से ऐसी ɉ का अनादर ͩकया गया
था, वे ǽपये 2,00,000/- कȧ राͧश के थे-Ĥ×येक के ͧलए, कानूनी नोǑटस मɅ
ǽ.10,00,000/- कȧ माग कȧ गई थी। ͧशकायतकता[ ɮवारा ͩफर से इस
टाइपोĒाͩफक ğǑु ट के Ǿप मɅ समझाने कȧ माग कȧ गई थी। हालाͩँ क, अदालत
ने माना ͩक नोǑटस दोषपण[ था, िजससे आरोपी को एन. आई. अͬधǓनयम कȧ
धारा 138 के तहत अपराध से बरȣ ͩकया जा सकता है।
24. उपरोÈत स, यह èपçट होगा ͩक नोǑटस मɅ टाइपोĒाͩफक ğǑु ट होने कȧ
Ĥ×यथȸ कȧ याͬचका, भले हȣ तØयɉ पर èवीकार कȧ गई हो, कानूनी Ǿप से èवीकार नहȣं कȧ जा सकती है ताͩक Ĥ×यथȸ को एन. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा
138 के तहत ͧशकायत बनाए रखने के ͧलए वाद हेतुक कारण Ǒदया जा सके ।
नोǑटस दोषपण[ होने के कारण, एन. आई. अͬधǓनयम कȧ धारा 138 के तहत
ͧशकायत दज[ करने के ͧलए वाद हेतुक कारण Ĥ×यथȸ के प¢ मɅ नहȣं था।
25. Ĥ×यथȸ कȧ दलȣल है ͩक चंͩू क ͧशकायत रहȣ है लंबे समय से लंǒबत इस Ûयायालय को दंड ĤͩĐया संǑहता कȧ धारा 482 के तहत अपनी शिÈत का Ĥयोग नहȣं करना चाǑहए। ͧशकायत को रɮद करने के ͧलए पी. सी. को भी èवीकार नहȣं ͩकया जा सकता है। याͬचकाकता[ को ͩकसी ͧशकायत का बचाव
करने कȧ पीड़ा का सामना नहȣं करना पड़ सकता है, जो इसके बावज रखने योÊय नहȣं है।
बनाए
26. उपरोÈत को Úयान मɅ रखते हुए, Ĥ×यथȸ ɮवारा दायर ͧशकायत का
मामला, यानी आपराͬधक ͧशकायत सं. 523804/2016, िजसका शीषक कावेरȣ
Üलािèटक बनाम नाÝटो गज इंͫडया Ĥाइवेट ͧलͧमटेड और अōय है। याͬचकाकता
के ͨखलाफ एन. आई. अͬधǓनयम कȧ धाराओं 138/141/142 के तहत पज को इसके ɮवारा रɮद कर Ǒदया जाता है।
ीकृ त
27. याͬचका को उपरोÈत शतɟ मɅ अनुमǓत दȣ गई है। लागत के बारे मɅ कोई आदेश जारȣ नहȣं होगा।
ōया. नवीन चावला
26 फरवरȣ, 2024
आरएन/आरपी
(Translation has been done through AI Tool: SUVAS)
अèवीकरण : देशी भाषा मɅ Ǔनणय का अनुवाद मुकɮɮमेबाज़ के सीͧमत Ĥयोग हेतु ͩकया
गया है ताͩक वो अपनी भाषा मɅ इसे समझ सकɅ एवं यह ͩकसी अÛय Ĥयोजन हेतु Ĥयोग
नहȣं ͩकया जाएगा| समèत काया[लयी एवं åयावहाǐरक Ĥयोजनɉ हेतु Ǔनणय
का अĒ
ेज़ी èवǾप
हȣ अͧभĤमाͨणत माना जाएगा और काया[Ûवयन तथा लागू ͩकए जाने हेतु उसे हȣ वरȣयता दȣ जाएगी।