Contract
महाराष्ट्र राज्य विधत
बनाम
बोर्ड बाम्बे
561
अधधकाररक ऩररसमाऩक, उच्च न्यायाऱय एनाडकु ऱम अन्य
13 अक्टू बर, 1982
(इड०एस० िकटरम्मैया ि िी०बाऱाकृ ष्ट्ण इडरर्ी जे०जे०)
xxxxxx xxxxxxx, 1956-कम्ऩनी ने ननविदाओ ऩय भार की आऩनू ति के लरए फक
गायॊटी दी
कम्ऩनी को फॊद कयने का आदेश ददमा गमा-अऩीरकताि को गायॊटी की यालश उगाहने से योका
गमा, फक का दानमत्ि-की प्रकृ नत
xxxxxx xxxxxxx-xx ने एक कम्ऩनी को ननविदा के विरूद्घ भार की आऩतू ी के लरए गायॊटी
दी- कम्ऩनी को फॊद कयने का आदेश ददमा गमा प्रनतबू के दानमत्ि की प्रकृ नत
अऩीरकताि फोडि भार की आऩूती के लरए ननविदाए आभॊत्रित कयता है। ननविदाओ की शतो भे से भार के इच्छु क आऩूतीकताि को ननविदा के साथ फोडि को फमाना यालश मा प्रनतबनू त का बुगतान कयना आिश्मक होता है जो कक ननविदा ककमे गमे भार की अनुभाननत कीभत के रगबग 10
प्रनतशत के फयाफय होती है। रेककन जहाॉ इच्छु क ननविदाकताि कु र 50,000 रू० मा तो नकद भे
मा फोडि द्िाया अनुभोददत ककसी बी रूऩ भे जैसे फक गायॊटी के रूऩ भे जभा कयता है। िह
उऩयोक्त शति का अनुऩारन ककमे त्रफना एक मा अधधक ननविदाओ के तहत ककसी बी भ म के भार की अााऩूती xxxx की ऩेशकश कय सकता है।
xxxxxxx के शतो के अनुसाय ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी ने फोडि को भार की आऩनू ति के लरए
50,000 रू० की फक गायण्टी की ऩेशकश की। गायॊटी के लरए प्रनतबनू त के xxx xx xx ने
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी से एक सािधध जभा यसीद औय कु छ भािा भे आमनतत जजॊक लसजल्रमा
xx औय इन प्रनतबूनतमो के सम्फॊध भे फक के ऩास कु छ अधधकाय थे।
अगस्त, 1973 भे xxxx ने फक से गायॊटी का बुगतान कयने को कहा हाराॊकक इस फीच
उच्च xxxxxxxx ने कम्ऩनी को ऩरयसभाऩन भे xxx xxxx का आदेश ददमा। फक ने तफ
अधधकारयक ऩरयसभाऩन को लरखा कक ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी फक के प्रनत फडी धनयालश के लरए
उत्तयदामी थी, xxxxx से एक फोडि द्िाया भाॊगी गमी 50,000 रू० की यालश थी।
अधधकारयक ऩरयसभाऩन के आिेदन ऩय xxxxxx xxxxxxxxx ने एक आदेश जायी कय फोडि को इस
आधाय ऩय फक से यालश िसूरने से योक ददमा कक चकॊू क कम्ऩनी द्िाया बुगतान की गई यालश की
िस ी के लरए फक को ऩरयसभाऩन भे xxxxxx xx xxxxxxx के साथ बुगतान दी गई प्रनतबनू तमो
का सहाया रेना होगा औय चकॊू क फक की ऐसी कामिाही ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की सम्ऩवत्तमो को
xxxxxxxx xxxxx, इसलरए सभाऩन कामिाही भे रेनदाय के अरािा फक से गायॊटी की यालश का
xxxx xxxx के लरए फोडि के लरए विकल्ऩ नही था उच्च न्मामारम की खड्ऩीढ ने फोडि की अऩीर खारयज कय दी।
562 सिोच्च न्यायाऱय की ररऩोटड [1983] 1एस०सी०आर०
इस सिार ऩय कक क्मा फोडि ऩीढ से फक गायॊटी के शतो के अनुसाय 50,000 रू0 की िस
ी कय
सकता है औय ऩरयसभाऩन कामिाही ऩय इसका क्मा प्रबाि ऩडगा।
xxxx की अनुभनत देते हुए
xxxxxxxx ने मह भाना, कम्ऩनी अधधननमभ, 1956 के तहत फोडि को फक
द्िाया गायॊटीकृ त यालश
की िसूरी से xxxxx के लरए कोई आदेश देने का अधधकाय नहीॊ था क्मोंकक इसका ऩरयसभाऩन भें कम्ऩनी की सम्ऩवत्तमों से कोई रेना देना नही था (568-डी)
दस्तािेज की शतें जजनके आधाय ऩय फोडि ने फकैं अनुफॊध है न की ऺनतऩनू ति का अनुफॊध। (566-एप)
से यालश का दािा ककमा है, िह गायॊटी का
तीन रेन-देन अथाित (1) फक गायॊटी (2) ऩरयसभाऩन भे फोडि औय कम्ऩनी के फीच आऩनू ति का
अनुफॊध औय (3) िह दस्तािेज जजसके तहत कम्ऩनी ने ऩरयसभाऩन भे एक सािधी जभा यसीद औय जजॊक लसजल्र की कु छ भािा प्रनतबनू त के रूऩ भें दी थी।
जहाा˘ तक उनकी कानूनी घटनाआाेाॊ का सिार है विद्मुत फोडि ि ऩरयसभाऩन भें
कम्ऩनी के ऩऺ एक दसये भें स्ितॊि हैं (566 एच 567 ए)
50,000 रुऩमे की गायॊटी यालश कााे उगाहेन के लरए फोडि 48 घॊटे के बीतय भाॊग कयनी थी,
xxxxxx xx को यालश का बुगतान कयना था, फोडि को ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की ओय से ककसी
बी डडपाल्ट को सात्रफत कयने की आिश्मकता नही थी, न ही फोडि मह दरीर दे सका कक िह के िर फोडि को हुए ककसी नुकसान की एक सीभा तक ही उत्तयदामी है। फोडि द्िाया भाॊगी गई
यालश का बुगतान कयने का फक का दानमत्ि ऩ ि औय शतहीन था (567 xx-डी)
xx xxxx की भुख्म देनदाय ऩरयसभाऩन भे xxx xxx था, गायॊटी के रूऩ भे फक की दनदायीे ऩय
कोई प्रबाि नही ऩडगा। बायतीम सॊविदा अधधननमभ की धाया 128 के तहत प्रनतबू का दानमत्ि भुख्म देनदाय के साथ सह व्माऩक है, जफ तक कक मह अन्मथा सॊविदा द्िाया प्रदान नही ककमा गमा हो, इसभे कोई सॊदेह नही है कक बायतीम सॊविदा अधधननमभ की धाया 134 के तहत ककसी बी अनुफॊध द्िाया ऋण्दाता औय भुख्म ऋणी के फीच जजसके द्िाया भुख्म ऋणी को उन्भोधचत ककमा जाता है मा ऋण्दाता के ककसी कामि मा रोऩ से जजसका विधधक ऩरयणाभ भुख्म ऋणी का
उन्भोचन होता है, रेककन उन्भााेचन जजसे भुख्म देनदाय ददिालरमाऩन भे कान के सॊचारन
द्िाया सुयक्षऺत कय सकता है (मा ककसी कम्ऩनी के भाभरे भे ऩरयसभाऩन कामिाही भे)दानमत्ि की प्रनतबू से भुक्त नही होता है) (567 डी-एप)
xxxxxxx xxxxxxx xxxxxxx बनाम शशिनरायण xxxxxx ि अन्य आइड आर 1940बम्बइड 247 सत्यावऩत
इनयी कपट्जाजि एक्स ऩाटी यािसन (1905)1 के0फी0 462 सॊदलबति
ऩॊजाफ नेशनर फक लरलभटडे फनाभ विक्रभ काटन लभल्स एि अन्म (1970)2 S.C.R. 462
अनुऩमुक्त ठहयामा गमा।
फोडि द्िाया भाॊगी गमी यालश के बुगतान ऩय फक प्रनतबूनतमो का xxxxx xxxx के लरए स्ितन्ि था।
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी द्िाया दी गमी
563
विधत
बोर्ड बनाम ऩररसमाऩक (िेंकटरम्मैया जे0)
फोडि को इसकी धचता नही थी xx xx ने प्रनतऩूनति के लरए क्मा ककमा, विधध के अनुसाय उसक
ऩास भौजूद प्रनतबूनतमो से ननऩटना फक की जजम्भेदायी थी
शसविऱ अऩीऱीय ऺेत्राधधकार : शसविऱ अऩीऱ संख्या 3182/1982
उच्च न्मामारम के एभ0एप0ए0 सॊ० 145 सन 1976 भें ऩारयत ननणम
ि आदेश ददनाॊक 13
निम्फय 1978 से विशष अनुभनत द्िाया अऩीर।
फी0एस0 बस्भे औय एच0एस0 ऩरयहाय अऩीरकताि की आाेय
प्रनतिादी सॊख्मा 2 के लरए के0एन0 बटट हस्तऺेऩकताि के लरए ए०एस० नेजम्फमाय
न्यायाऱय का ननणय
स ाया गया
िेंकटयम्भैमा जे0के यर उच्च न्मामारम के एभ0एप0ए0 1976 द्िाया जायी ननणम औय आदशे
ददनाॊक 13 निम्फय 1978 के विरुद्घ सॊविधान के अनुच्छे द 136 के तहत विशष एक अऩीर है
अनुभनत द्िाया
इस अऩीर के तथ्थो को सॊऺेऩ भे एस प्रकाय फतामा जा सकता है- अऩीरकताि भहायाष्ट्र याज्म
विधत
फोडि (इसके फाद)विधत
फोडि के रूऩ भे सॊदलबत
है, कोचीन भैरेफल्स (ऩी) लरलभटेड
(ऩरयसभाऩन) भे (इसके फाद भें कम्ऩनी ऩरयसभाऩन भें)
के यर उच्च न्मामारम द्िाया कम्ऩनी को फॊद कयने का आदेश ददमे जाने से ऩहरे कम्ऩनी
(ऩरयसभाऩन) भे थी, जो सभम-सभम ऩय जायी होने िारी ननविदाओ के अनुसाय विद्मुत फोडि को भार की आऩूती कयने के लरए अनुफॊध कयती थी, ऐसी ननविदाओ भे आभतौय ऩय ऩाई जाने
िारी शतो भे एक शति मह थी कक भार के इच्छु क आऩनू तकताि को प्रत्मेक ननविदा के साथ
विद्मुत फोडि को फमाना यालश औय मा प्रनतबनू त के रूऩ भे भार की अनुभाननत कीभत के रगबग
10 प्रनतशत फयाफय यालश का बुगतान कयना होगा, हाॉराकक उन ननविदाकायो के भाभरे भे जो 50,000 रू० की जभा यालश नकद मा विद्मुत फोडि द्िाया अनुभोददत ककसी रूऩ भें यखेंगे, को ऐसी फमाना यालश मा प्रनतबूनत जभा के बुगतान से छू ट देने का प्रािधान था, आाैय िह
अनुभोददत प्रारूऩ 50,000 रू० की फक गायॊटी थी। इस शति के तहत एक इच्छु क ननविदाकताि
द्िाया विद्मुत फोडि के ऩास की गइि 50,000 रूऩमे की एाेसी xxx xxxx का प्रबाि मह हुआ कक
उसे विद्मुत फोडि को ककसी बी भ म के सभान की आऩूनति के लरए xxxx xxxxxx की ऩेशकश
कयने का विशषाधधकाय प्राप्त हुआ था औय ऐसी ननविदा का
564 सिोच्च न्यायाऱय की ररऩोटड [1983] 1एस०सी०आर०
अन्म रोगो द्िाया की गमी अन्म ननविदाओ के साथ विचाय ककमा जा यहा था जजन्होने साभान्म शतो के अनुसाय प्रनतबनू त xxx के रूऩ भे भार की अनुभाननत रागत का 10 प्रनतशत बुगतान ककमा था, ऐसा विशषाधधकाय उन्हे ककसी बी ननविदा के भाम्रे भे तफ तक उऩरब्ध थे जफ तक
की विद्मुत फोडि के ऩास xxx xxxx xxxxxx यहती थी दसये शब्दो भे 50,000 रूऩमे xxxx xxx
कयने ि इच्छु क ननविदाकताि उस शति का ऩारन ककमे त्रफना एक मा अधधक ननविदाओ के तहत ककसी बी भूल्म के भार की आऩूनति कयने की ऩेशकश कय सकता है, जजसके लरए उसे ननविदा के साथ उस भार के अनुभाननत भूल्म के 10 प्रनतशत के फयाफय यालश xxx xxxx की आिश्मकता होती है, जजसे िह आऩूनति कयना चाहता है। इस प्रकाय ददमे गमे 50,000 रू० की सुयऺा यालश ककसी विलशष्ट्ट ननविदा से सम्फॊधधत नही थे, रेककन सम्फॊधधत अिधध के दौयान ककमे
गमे ककसी बी आऩूनति अनुफॊध के तहत ननविदाकताि से देम ककसी बी यालश के लरए विद्मुत फोड
इसे ऩूयी मा इसके ककसी दहस्से को आिॊदटत कयने के लरए स्ितन्ि था, कोई बी शष यालश जो
असभामोजजत यह गमी िह उस व्मजक्त को िाऩस कय दी गमी जजसने इसकी भाॊग की थी, फशत
की कोई अन्म भौजूदा दानमत्ि नही था जजसके लरए उक्त शष यालश को सभामोजजत ककमा जा
सके औय इस तयह के रयपॊ ड ककमे जाने ऩय व्मजक्त बविष्ट्म की ककसी बी ननविदा के सम्फन्ध भें फमाना xxx xxxx की आिश्मकता से छू x का आनॊद रेने से ननरूद्घ हो जाएगा। 50,000 रू० की नकद xxx के फदरे एाेसे ककसी बी इच्छु क ननविदाकताि द्िाया दी गइि कोइि बी फकैं
गायॊटी की तायीख ऩय की गमी नकद xxx xxxx के फयाफय भानी जाएगी। विद्मुत फोडि ककसी बी
xxx ऩय अऩनी इच्छानुसाय फक गायॊटी यालश मा उसके ककसी बी दहस्से की िस ी कय सकता था
बरे ही सम्फॊधधत व्मजक्त द्िाया कोई ननविदा उस अिधध के दौयान दी गई हो मा नही, फकैं गायॊटी यालश की ऐसी िसूरी ऩय विद्मुत फोडि अनुफॊध की शतो के अनुसाय इससे ननऩट सकता है,
जैसे कक उक्त यालश फक गायॊटी की तायीख ऩय xxx xx उसके ऩास xxx की गमी। इन शतो के
तहत फक
गायॊटी देने िारे फक
की देनदायी शतहीन थी आाैय प्रस्तावित ननविदाआाेाॊ की सॊख्मा,
उन ननविदाआाेाॊ के तहत त्रफक्री के लरए ऩेश की गइि िस्तुआाेाॊ के भल्ू म आाैय ननविदाआाेा
द्िाया की गइि चक, मदद कोइि हो, के अनुसाय लबन्न नहीॊ थी। (फक की दनदायीे प्रस्तावित
ननविदाआाेाॊ की उन ननविदाआाेाॊ के तहत त्रफक्री के लरए ऩेश की गइि िस्तुआाेाॊ के भ म
आाैय भार की आऩूनत भें ननविदाआाेाॊ द्िाया की गइि चक औय प्रस्तावित ननविदाओ की सॊख्मा
उन ननविदाओ के तहत त्रफक्री के लरए ऩेश ककमे गमे भार के भ म औय ननविदाकताि द्िाया कक गई डडपाल्ट, मदद कोई हो, के अनुसाय लबन्न नही थी।)
उऩयोक्त xxxx के अनुसयण भे कम्ऩनी जो ऩरयसभाऩन भें है, ने 01 लसतम्फय, 1966
को 50,000 रूऩमे अनधधक कक यालश की फक गायॊटी की ऩेशकश की, जो के नया फक लरलभटडे
द्िाया दी गइि। (जजसे अफ के नया फक जाएगा)
के नाभ से जाना जाता है औय इसके फाद इसे फक
कहा
उक्त गायॊटी का प्रासॊधगक बाग एस प्रकाय था-
“के नया फक लरलभटडे ” भहायष्ट्र याज्म विद्मुत फोडि से लरखखत रूऩ भें भाॊगे जाने ऩय 48
(अड्तारीस) घण्टो के बीतय बुगतान कयने के लरए कै नया फक स्ऩष्ट्ट रूऩ से ि त्रफना शत सहभत है।
565
विधत
बोर्ड बनाम ऩररसमाऩक (िैकटरम्मैया, जे0)
याज्म विधत फोडि मा उसके द्िाया इस सम्फॊध भे प्राधधकृ त ककसी बी अधधकायी को, ककसी बी
यालश का बुगतान 50,000 रू० अनधधक की हो, कोचीन भैरेफल्स (प्राईिेट) लरलभटेड, त्रिचय की
ओय से उक्त भहायाष्ट्र याज्म विधत फोड, फाम्फे को 50,000 (के िर ऩचास हजाय रूऩमे) जजन्होने
इसके लरए ननविदा दी है औय मा अनुफॊध ककमा है मा अनुफॊध कय सकते हैं, भहायाष्ट्र याज्म
विधत फोडि को साभग्री उऩकयण मा सेिा की आऩूनत औय ऐसी ननविदाओ मा अनुफॊधो के खखराप
फकामा यालश औय मा प्रनतबूनत जभा के बुगतान से छू ट दी गई है। गायॊटी की भ अिधी एक
िषि थी, हाराॊकक इसे सभम-सभम ऩय विस्ताय ककमा गमा औय गाॊयटी िषि 1973 भे रागू हुई,
27 अगस्त 1973 को विद्मुत फोडि द्िाया फक को 50,000 रूऩमे की गायॊटी यालश का बुगतान
कयने के लरए कहा गमा। इसके फाद अनुस्भायक बेजे गए औय 23 भई 1974 को अनतभ भाॊग की गमी। इस फीच 30 जुराई 1973 को कम्ऩनी के ऩरयसभाऩन के लरए के यर उच्च न्मामारम की पाइर ऩय कम्ऩनी माधचका सॊख्मा 14 प 1973 दामय की गई। 16 लसतम्फय 1973 को एक आदेश दिाया उच्च न्मामारम ने कम्ऩनी जो ऩरयसभाऩन भे है, को फॊद कयने का आदेश ददमा
औय आधधकारयक ऩरयसभाऩक को इसके भाभरो का प्रबाय रेने का ननदेश ददमा। इन कामिादहमो
के भद्देनजय फक ने 4 निम्फय, 1974 को अधधकारयक ऩरयसभाऩक को मह कहते हुए लरखा कक
जो कम्ऩनी ऩरयसभाऩन भे है, िह फक के प्रनत 1,64,353.12 रूऩमे के लरए उत्तयदामी थी। उक्त
यालश दो भद भें थी,जजसभें से एक भद, xxxxx यालश 50,000 रू० थी, उसकी भाा˘ग फक गायटी
की शतो के अनुसाय विद्मुत फोडि द्िाया की गई। इसके फाद आधधकारयक ऩरयसभाऩक ने कम्ऩनी अधधननमभ 1956 की धाया 456(2) के तहत कम्ऩनी (न्मामारम) ननमभ 1959 के ननमभ 9 के तहत कम्ऩनी न्मामाधीश के सभऺ एक आिेदन दामय ककमा औय विद्मुत फोडि को आच्छाददत यालश की िसूरी से योकने के आदेश की भाॊग की। मह भाॊग इस आधाय ऩय की गइि कक चकू क
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी को फॊद कयने का आदेश ददमा गमा था, विद्मुत फोडि फक से गायॊटी की
यालश का दािा नही कय सकता था। xxxxxxx xxxx ने तकि ददमा कक 50,000 रू० की यालश का दािा, कम्ऩनी जो ऩरयसभाऩन भें है, के रेनदाय के रूऩ भे नही ककमा जा यहा था, फजल्क फकैं गायॊटी के आधाय ऩय ककमा जा यहा था, जजसके तहत देनदायी ऩरयसभाऩन कामिाही से प्रबावित नही थी। xxxxxxx xxxxxx xxxxxxxxx ने अधधकारयक ऩरयसभाऩक की माधचका को फयकयाय यखा
औय विद्मुत फोडि को फक से यालश िसूरने से इस आधाय ऩय योक रगाने का आदशे जायी ककमा
कक चकॊू क फक की गायन्टी के अनुसाय बुगतान की गमी यालश की िसरू ी के लरए कम्ऩनी जो
ऩरयसभाऩन भें है, के द्िाया फक को दी गमी प्रनतबूनतमो का सहाया रनेे का विकल्ऩ फक के ऩास विकल्ऩ उऩरब्ध था।
566 सिोच्च न्यायाऱय की ररऩोटड [1983] 1एस०सी०आर०
फक की एाेसी कामिाही से ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की सम्ऩवत्त प्रबावित होगी। सभाऩन
कामिाही भे एक रेनदाय के अरािा विद्मुत फोडि को फक से गायॊटी का दािा कयने का अन्म
विकल्ऩ नही था। विद्मुत फोडि की आाेय से दामय अऩीर उच्च न्मामारम की डडिीजन फच द्िाया खारयज कय दी गमी
मह xxxx xxxxxxx xxxx ने डडिीजन फच के आदशे के खखराप दामय की थी।
जुराई 1979 भे इस न्मामारम भे विशष अनुभनत के लरए माधचका दामय होने के
फाद अधधकारयक ऩरयसभाऩक को नोदटस जायी ककमा गमा। उन्होने इस न्मामारम को एक ऩि लरखा जजसभे कहा गमा है कक के यर उच्च न्मामारम 6 निम्फय 1979 के एक आदेश द्िाया
कु छ शतो के अधीन कम्ऩनी के ऩरयसभाऩन के ऩ : ननभािण के लरए एक मोजना को भॊज ी दी
है औय सभाऩन के कामिाही को 31 ददसम्फय 1982 तक अस्थाधगत यखने का ननदेश ददमा गमा। उन्होने आगे कहा है कक उन्होने उच्च न्मामारम के ननदेशो के अनुसाय ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी के सबी सम्ऩवत्तमो को नमे प्रफॊधन को सौऩ ददमा है औय उनके ऩास इस कामिाही भे बाग रेने के लरए कोई धन नही है।
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी के प्रफॊध ननदेशक हस्तऺेऩ कताि के रूऩ भे उऩजस्थत हुए है औय एक िकीर द्िाया उनका प्रनतननधधत्ि ककमा गमा है, इस अऩीर भे हस्तऺेऩ कताि के विद्िान अधधिक्ता को सुना गमा। उन्होने लरखखत भे अऩनी दरीरे दाखखर की है
इस अऩीर भे ननधाियण के लरए जो भुख्म प्रश्न उठता है कक ऩरयसभाऩन सजम्फन्धत
कामिाही का प्रस्ताि विद्मुत फोडि के अधधकाय जजसके द्िाया 50,000 रू० की यालश फक की
शतािनुसाय िसूर कयने से सम्फजन्धत है। इस फात ऩय वििाद नही ककमा जा सकता कक जजस
दस्तािेज के आधाय ऩय त्रफजरी xxxx ने फक से यालश का दािा ककमा है िह गायॊटी का अनुफॊध है,
न कक ऺनतऩूनति का अनुफॊध, उस दस्तािेज के तहत फक ने 50,000 रूऩमे से अनधधक की कोई
बी xxxx की बुगतान की भाॊग के अड्तारीस घण्टो के बीतय बुगतान कयने का िचन ददमा। फकैं द्िाया गायन्टीकृ त यालश का बुगतान ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की ओय से ककसी बी डडपाल्ट के
प्रभाण ऩय ननबय नही ककमा जा सकता है, ऐसा हो सकता है कक उक्त गायॊटी दनेे के लरए फक
ने ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी से सुयऺा के रूऩ भे कु छ सािधी जभा यसीदे औय आमानतत जजॊक
लसजल्रमो आाैय मह कक उक्त प्रनतबनू तमो के सम्फॊध भे फक को कु छ अधधकाय प्राप्त है।
ऩरयसभाऩन भें कम्ऩनी ि विद्मुत फोडि के फीच आऩूनति के अनुफॊधो से उत्ऩन्न होने िारे कु छ
दािे मा प्रनतदािे बी हो सकते है, रेककन रेनदेन जैसे (1) विद्मुत फोडि के ऩऺ भे फक द्िाया
ननष्ट्ऩाददत फक गायॊटी (2) द
567
विधत
बोर्ड बनाम ऩररसमाऩक (िेंकरमैया)जे0
ऩरयसभाऩन भे विद्मुत फोडि औय कम्ऩनी के फीच आऩ ी के अनुफॊध औय(3) िह दस्तािेज
xxxxx xxx ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी ने गायॊटी ऩि को ननष्ट्ऩाददत कयने के लरए फक को सुयऺा
के रूऩ भे एक सािधी जभा यसीद औय कु छ भािा भे जस्ता लसजल्रमा दी थी, जहा तक उनकी
कानूनी घटनाओ का सिार है विद्मुत फोडि एिॊ ऩरयसभाऩन भें कम्ऩनी के ऩऺ एक दसये से स्ितॊि है।
वििाददत फक गायॊटी के तहत फक ने विद्मुत फोडि को 50,000 रूऩम से अनधधक तक
की कोई बी यालश का बुगतान कयने का िचन ददमा है, औय इसे साकाय कयने के लरए विद्मुत
फोडि को फस एक भाॊग कयनी है। ऐसी भाॊग के 48 घॊटो के बीतय फक को विद्मुत फोडि को यालश
का बुगतान कयना होगा। जो कक भाॊग की गई यालश का बुगतान कयने से ऩहरे कम्ऩनी की ओय
से ककसी बी डडपाल्ट को सात्रफत कयने के लरए िाध्म नही है। फक मह दरीर नही दे सकता कक
िह के िर भार के आऩनू तकताि मानी ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की ओय से ककसी बी डडपाल्ट के
कायण विद्मुत फोडि को हुए ककसी नुकसान की सीभा तक उत्तयदामी है। फक की दमते ा दानमत्ि
ऩ ि औय त्रफना शति है। तथ्म मह है कक कम्ऩनी ऩरयसभाऩन भे है मानन भुख्म देनदाय
ऩरयसभाऩन भे चरा गमा है, इसका फक गायॊटी मानन गायॊटय की दनदायीें ऩय कोई प्रबाि नही
ऩडगा, बायतीम सॊविदा अधधननमभ की धाया 128 के तहत प्रनतबूनत का दानमत्ि भुख्म देनदाय के साथ सह-व्माऩक होता है, जफ तक की मह अनुफॊध द्िाया अन्मथा प्रदान नही ककमा जाता है। इसभे कोई सॊदेह नही है कक बायतीम सॊविदा अधधननमभ की धाया 134 के तहत ककसी बी प्रनतबूनत को उन्भोधचत ककमा जा सकता है। रेनदाय औय भुख्म देनदाय के फीच को बी अनुफॊध
जजसके द्िाया भुख्म देनदाय को उन्भोधचत ककमा जाता है मा ऋण दाता/रेनदेन के ककसी काम
मा चक से, xxxxx कान ी ऩरयणाभ भुख्म दनदाये का उन्भोचन है। रककने उन्भोचन जजसे
भुख्म देनदाय ददिालरमेऩन भे कान के सॊचारन द्िाया सुयक्षऺत कय सकता है (ककसी कम्ऩनी के
भाभरे भे ऩरयसभाऩन के कामिाही भे) उसके दानमत्ि की प्रनतबूनत को उन्भोधचत नही कयता है (जगनाथ गणेशयाभ अग्रिार फनाभ लशिनयामण बागीयथ औय अन्म)(1)कपट्ज जाा˘जि एक्स ऩाटी योफसन (2)भे बी देखे। गायॊटी ऩि की स्ऩष्ट्ट बाषा के दृजष्ट्ट भें, ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी द्िाया
“ऩॊजाफ नेशनर फक लरलभटडे फनाभ विक्रभ काा˘टन लभल्स ि अन्म (3) भे इस न्मामारम द्िाया
ऩारयत ननणम ऩय आधारयत नही ककमा जा सकता है, जजसभे प्रनतबनू त की दनदायीे भुख्म दनदाये
से प्राप्त “अनतभ शष” तक सीलभत थी औय उक्त शष यालश कााे भुकदभा शुरु होने से ऩहरे
सुननजश्चत नही ककमा जा सकता था।
568 सिोच्च न्यायाऱय की ररऩोटड [1983] 1एस०सी०आर०
इस भाभरे के तथ्म हभाये साभने भौजूद भाभरे के तथ्मो से अरग है जैसा कक ऩहरे उल्रेख
ककमा गमा है, गायाॊटी ऩि के अनुसाय यालश का बुगतान कयने के लरए फक की दनदायीे
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की ओय से ककसी बी डडपाल्ट के ऩ ि प्रभाण ऩय ननबय नही थी , चाहे
ऩ े रू0 50,000 की भाॊग की जानी चादहए मा फक से ककसी बी कभ यालश की भाॊग की जानी
चादहए, मह ऩूयी तयह से विद्मुत फोडि के विकल्ऩ भे था, इस लरए फक को विद्मुत फोडि को ददमे
गमे गायॊटी ऩि के तहत देम यालश का बुगतान कयना होगा, इस तयह के बुगतान ऩय फक गायॊटी
ऩि जायी कयने के उद्देश्म से कम्ऩनी द्िाया ऩरयसभाऩन भे दी गमी प्रनतबनू तमो का xxxxx xxxx
के लरए स्ितॊि है विधत फोडि को इस फात से कोई सयोकाय नही है कक उसके द्िाया गायॊटीकृ त
यालश का बुगतान कयने के फाद फक अऩनी प्रनतऩूनति के लरए क्मा कयता है मह फक की
जजम्भेदायी है कक िह अऩने ऩास यखी प्रनतबनू तमो से कान के अनसु ाय ननऩट,े हाराॊकक कम्ऩनी
अधधननमभ के तहत विद्मुत फोडि को फक द्िाया गायॊटीकृ त यालश की िस ी कयने से योकने के
लरए कोई बी आदेश देना कम्ऩनी न्मामाधीश को विकल्ऩ प्राप्त नही था क्मोंकक इसका
ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी की सम्ऩवत्तमो से कोई रेना देना नही था इसलरए कम्ऩनी जज का
आदेश औय अऩीर भे डडिीजन फच ककमा जाता है
का पै सरा यद्द ककमे जाने मोग्म है औय तद्नुसाय उन्हे यद्द
इस ननणम के ननष्ट्कषि से ऩहरे हभ विद्मुत फोडि की ओय से की गई दरीर को रयकाडि भे
यखते है कक ऩरयसभाऩन भे कम्ऩनी त्रफजरी फोडि के खखराप आऩनू ति अनुफॊधो से उत्ऩन्न होने
िारे ककसी बी दािे को प्राथलभकता देने के लरए स्ितन्ि है विद्मुत फोडि ऐसे अनुफॊधो के तहत देम ककसी बी यालश का दािा कयने के लरए बी स्ितॊि है ऩरयसभाऩन भे विद्मुत फोडि औय कम्ऩनी के उऩयोक्त ऩायस्ऩरयक अधधकायो औय देनदारयमो ऩय विचाय कयते xxx xxxxxxx फोड
द्िाया फक से गायॊटी ऩि के तहत प्राप्त कक जाने िारी यालश को ध्मान भे यखा जामेगा औय
शतो के अनुसाय ननऩटामा जामेगा,
तदनुसाय अऩीर त्रफना हजे के स्िीकाय की जाती है
ऩी०फी०आय० xxxx xxxxxx त
1- ए०आइि०आय० 1940 फाा˘म्फे 247.
2- [1905] 1 के०फी० 462
3- [1970] 2 एस०सी०आय० 462
(नPता शसह)
xxxxx xx (प्रिगि िग)ि भैनऩुयी।