Contract
राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा (3)3 के अंतर्गत अनिवार्य रुप से द्विभाषी जारी किए जाने वाले कागज़ात |
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1 |
सामान्य आदेश |
General Orders |
2 |
संकल्प |
Resolution |
3 |
परिपत्र |
Circulars |
4 |
नियम |
Rules |
5 |
प्रशासनिक या अन्य प्रतिवेदन |
Administrative or other reports |
6 |
प्रेस विज्ञप्तियां |
Press Release/Communiques |
7 |
संविदाएं |
Contracts |
8 |
करार |
Agreements |
9 |
अनुज्ञप्तियां |
Licences |
10 |
निविदा प्रारुप |
Tender Forms |
11 |
अनुज्ञा पत्र |
Permits |
12 |
निविदा सूचनाएं |
Tender Notices |
13 |
अधिसूचनाएं |
Notifications |
14 |
संसद के समक्ष् रखे जाने वाले प्रतिवेदन तथा कागज़ पत्र |
Reports and documents to be laid before the Parliament |
क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;
क्षेत्र ग' से खंड (1) और (2) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;
हिन्दी में प्रवीणता-
यदि किसी कर्मचारी ने-
(क) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतुल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिन्दी के माध्यम से उत्तीर्ण कर ली है;या
(ख) स्नातक परीक्षा में अथवा स्नातक परीक्षा की समतुल्य या उससे उच्चतर किसी अन्य परीक्षा में हिन्दी को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया हो; या
(ग) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप में यह घोषणा करता है कि उसे हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त है;
तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है ।
हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान-
यदि किसी कर्मचारी ने-
(i)
मैट्रिक
परीक्षा
या
उसकी
समतुल्य
या
उससे
उच्चतर
परीक्षा
हिन्दी
विषय
के
साथ
उत्तीर्ण
कर
ली
है; या
(ii)
केन्द्रीय
सरकार
की
हिन्दी
परीक्षा
योजना
के
अन्तर्गत
आयोजित
प्राज्ञ
परीक्षा
या
यदि
उस
सरकार
द्वारा
किसी
विशिष्ट
प्रवर्ग
के
पदों
के
सम्बन्ध
में
उस
योजना
के
अन्तर्गत
कोई
निम्नतर
परीक्षा
विनिर्दिष्ट
है, वह
परीक्षा
उत्तीर्ण
कर
ली
है;या
(iii)
केन्द्रीय
सरकार
द्वारा
उस
निमित्त
विनिर्दिष्ट
कोई
अन्य
परीक्षा
उत्तीर्ण
कर
ली
है; या
(ख) यदि वह इन नियमों से उपाबद्ध प्रारूप में यह घोषणा करता है कि उसने ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है;
तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
यदि केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों में से अस्सी प्रतिशत ने हिन्दी का ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया है तो उस कार्यालय के कर्मचारियों के बारे में सामान्यतया यह समझा जाएगा कि उन्होंने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
केन्द्रीय सरकार के जिन कार्यालयों में कर्मचारियों ने हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है उन कार्यालयों के नाम राजपत्र में अधिसूचित किए जाएंगे;
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाएं |
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1. असमिया |
12. पंजाबी |
2. उड़िया |
13. बांग्ला |
3. उर्दू |
14. बोड़ो |
4. xxxxxx |
00. मणिपुरी |
5. कश्मीरी |
16. मराठी |
6. कोंकणी |
17. मलयालम |
7. गुजराती |
18. मैथिली |
8. डोगरी |
19. संथाली |
9. तमिल |
20. संस्कृत |
10. तेलुगू |
21. सिंधी |
11. नेपाली |
22. हिंदी |
केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग किए जाने वाले रजिस्टरों तथा फाइलों के शीर्षक और प्रविष्टियां हिन्दी और अंग्रेजी में होंगी ।
केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग के लिए सभी नामपट्ट, सूचना पट्ट, पत्रशीर्ष और लिफाफों पर उत्कीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिन्दी और अंग्रेजी में लिखी जाएंगी, मुद्रित या उत्कीर्ण होंगी;
लिफाफों पर हिंदी में पते लिखे जाएंगे
अनुपालन का उत्तरदायित्व-
(1) केन्द्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह--
(i) यह सुनिश्चित करे कि अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों और उपनियम (2) के अधीन जारी किए गए निदेशों का समुचित रूप से अनुपालन हो रहा है;और
(ii) इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के लिए उपाय करे ।
(2) केन्द्रीय सरकार अधिनियम और इन नियमों के उपबन्धों के सम्यक अनुपालन के लिए अपने कर्मचारियों और कार्यालयों को समय-समय पर आवश्यक निदेश जारी कर सकती है ।
संघ की राजभाषा नीति
संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का xxx xxxxxx अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है {संविधान का अनुच्छेद 343 (1)} । परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है (राजभाषा अधिनियम की धारा 3) ।
संसद का कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है । परन्तु राज्यसभा के सभापति xxxxx या लोकसभा के अध्यक्ष xxxxx विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं । {संविधान का अनुच्छेद 120}
किन प्रयोजनों के लिए केवल हिंदी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है ।
जाँच बिन्दु
पत्रांक 11025/19/2009-के. वि. सं. (मु.) हि /1112-1185 दिनांक : 13/07/2011
कार्यालय
आदेश
विषय : राजभाषा से सम्बंधित आदेशों के कार्यान्वयन के लिए जाँच बिंदु (Check Points)
राजभाषा नियम 1976 के नियम 12 के अनुसार राजभाषा अधिनियम 1963 और तत्संबंधी राजभाषा नियमों के समुचित अनुपालन के लिए प्रभावी जाँच – बिन्दुओं का निर्धारण किया जाता है | इस नियम के अनुपालन में संगठन (मु.) स्तर पर जो जाँच – बिंदु निर्धारित किये गए हैं उनकी जानकारी पुनः इस आशय से प्रेषित है कि सम्बंधित अधिकारी अथवा अनुभाग इनका अनुपालन सुनिश्चित करें :-
1. राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3 (3) में उल्लिखित सभी दस्तावेज अनिवार्य रूप से द्विभाषी रूप में जारी करना :- राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3 (3) में उल्लिखित सभी दस्तावेज (सामान्य आदेश, नोटिस, ज्ञापन, परिपत्र, रिपोर्ट, संविदा इत्यादि ) हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में जारी होने अनिवार्य हैं | इसके लिए जो अनुभाग इन दस्तावेजों के प्रेषण का कार्य करता है वह अनुभाग अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि ऐसे सभी प्रकार के दस्तावेज अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी जारी हो रहे हैं अर्थात सम्बंधित अनुभाग अधिकारी को इसके लिए जाँच – बिंदु निर्धारित किया जाता है | इन्हें जारी करवाते समय यह भी ध्यान रखा जाये कि हिंदी रूपांतर अंग्रेजी रूपांतर के ऊपर / पहले रहे | राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3 (3) के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी भी कृपया ध्यान रखें कि इस प्रकार के सभी दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी हों |
2. राजभाषा नियम 1976 के नियम 8 (4) के तहत बिनिर्दिष्ट अनुभाग एवं अधिकारी / कर्मचारी द्वारा सरकारी कार्य केवल हिंदी में करना :- इसके लिए संगठन के सम्बंधित सभी अनुभाग एवं अधिकारी / कर्मचारी द्वारा सरकारी कार्य केवल हिंदी में करना: | इसके लिए संगठन के सम्बंधित सभी अनुभाग अधिकारियों को जाँच – बिंदु बनाया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राजभाषा नियम 1976 के नियम 8 (4)के तहत बिनिर्दिष्ट किये गए अनुभाग तथा इसी नियम के अंतर्गत बिनिर्दिष्ट कर्मचारी अपना कार्य राजभाषा हिंदी में करें |
कार्यवाई: सभी अनुभाग
3. हिंदी पत्राचार – इस हेतु भी सभी अनुभाग अधिकारियों को जाँच – बिंदु बनाया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ‘ क’ ‘ख’ और ‘ग’ क्षेत्रों को भेजे जाने वाले पत्रों में राजभाषा द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार हिंदी का प्रयोग किया जाये | इसके अतिरिक्त ‘क’ और ‘ख’ क्षेत्रों से अंग्रेजी प्राप्त पत्रों के उत्तर भी हिंदी में दें |
कार्यवाई: सभी अनुभाग
4. कम्पूटरों में द्विभाषी व्यवस्था : संगठन (मु.) के सेवा एवं आपूर्ति अनुभाग अपने यहाँ प्राप्त होने वाली मांग कि जाँच करके यह देखें कि क्या आदेशों का अनुपालन हो रहा है | साथ ही जो अधिकारी इन्हें क्रय करने का आदेश देते हैं वह भी यह देख लें कि आदेशों का अनुपालन हो और सभी कम्पूटरों में द्विभाषी कार्य कि व्यवस्था है | इसके लिए अनुभाग अधिकारी, सेवा एवं आपूर्ति कि जाँच – बिंदु बनाया जाता है |
कार्यवाई: सेवा एवं आपूर्ति अनुभाग
5. लिफाफों पर हिंदी में पते लिखना : इस आशय के लिए सर्वप्रथम पत्र – व्यवहार करने वाले अनुभाग को और तत्पश्चात प्रेषण अनुभाग को जाँच बिंदु बनाया जाता है | पत्र प्रेषित करने वाले सम्बंधित अनुभाग अधिकारी सुनिश्चित करें कि ‘क’ एवं ‘ख’ क्षेत्रों को भेजे जाने वाले सभी पत्रों / लिफाफों पर पते देवनागरी लिपि में ही लिखें साथ ही प्रेषण अनुभाग भी इसका ध्यान रखें |
कार्यवाई: सभी अनुभाग एवं प्रेषण अनुभाग
6. फार्मों, कोडों, मेनुअलों इत्यादि का द्विभाषी प्रकाशन : कार्यालय में प्रयुक्त होने वाले सभी फार्म, कोड, मेनुअल आदि हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषों में होने चाहिए | जो सामग्री दोनों भाषाओं में न हो उसे प्रकाशन विभाग सम्बन्धी अनुभाग को वापिस कर दे और फार्म इत्यादि के मामले में सम्बंधित अनुभाग इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे |
कार्यवाई: सभी अनुभाग एवं प्रकाशन विभाग
7. रबर कि मुहरें, नाम पट्ट, पत्र – शीट्स आदि द्विभाषी रूप में बनाना / बनवाना : सेवा एवं आपूर्ति अनुभाग के अधिकारी कि यह जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राजभाषा नियम 1976 के नियम 11 में उल्लेखित वस्तुएं, जैसे नाम पट्ट, रबर की मुहरें, पत्र – शीट्स आदि अनिवार्यतः द्विभाषी रूप से बनवाएं |
कार्यवाई: सेवा एवं आपूर्ति अनुभाग
8. सेवा – पुस्तिकाओं में प्रविष्टियाँ :- कार्यालय के प्रयोग में आने वाली सभी सेवा – पुस्तिकाओं में प्रविष्टियाँ हिंदी में की जाएँ | इसके लिए जिम्मेदारी सम्बंधित शाखाधिकारी अर्थात संगठन (मु.) वरिष्ट प्रशाशनिक अधिकारी (स्था.-1)व शिक्षा अधिकारी (स्था – 3) को जाँच बिंदु निर्धारित किया जाता है |
कार्यवाई: सम्बंधित शाखाधिकारी अनुभाग
9. हिंदी में प्राप्त पत्रों के उत्तर हिंदी में देना : राजभाषा नियम 5 के तहत हिंदी में प्राप्त पत्रों के उत्तर हिंदी में दिए जाने अनिवार्य हैं | इस सम्बन्ध में सभी अनुभाग अधिकारियों को जाँच – बिंदु निर्धारित किया जाता है की वह यह देखे की हिंदी में प्राप्त पत्रों के उत्तर हिंदी में ही प्रस्तुत किये भेजे जा रहे हैं | साथ ही जाँच अधिकारी के हस्ताक्षर से कोई पत्रादि जारी होता है, वह भी यह देख xx की यदि पत्रादि हिंदी में प्राप्त हुए हैं तो उनका उत्तर हिंदी में ही दिए जाएँ |
कार्यवाई: सभी अनुभाग अधिकारी एवं सम्बंधित अधिकारी
10. विभागीय बैठकों /संगोस्थियों के कार्यवृत/कार्यसूची हिंदी या द्विभाषी रूप में तैयार करना : संगठन (मु.) (‘क’ क्षेत्र) में विभागीय बैठकों / सम्मेलनों / संगोष्ठियों की कार्यसूची व कार्यवृत नियम अनुसार हिंदी / द्विभाषी रूप में तैयार की जानी चाहिए | इसके लिए सम्बंधित अनुभाग और बैठक के सदस्य – सचिव को जाँच – बिंदु निर्धारित किया जाता है | अतः सम्बंधित अनुभाग अधिकारी एवं प्रभागीय अधिकारी इसका अनुपालन सुनिश्चित करें |
कार्यवाई: सभी अनुभाग अधिकारी एवं समिति के सदस्य सचिव
11. विज्ञापनों एवं प्रचार प्रसार पर व्यय : समाचार – पत्रों / अख़बारों इत्यादि में विज्ञापन एवं अन्य प्रकार से प्रचार – प्रसार के लिए सामग्री देने वाले सम्बंधित अनुभाग अधिकारी को जाँच – बिंदु निर्धारित किया जाता है | विज्ञापन जारी करने वाले अनुभाग अधिकारी का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी विज्ञापन केवल अंग्रेजी में न दिया जाये और इन पर होने वाला व्यय कम से कम 50 प्रतिशत हिंदी और शेष 50 प्रतिशत अन्य भारतीय भाषाओँ व अंग्रेजी पर हो |
कार्यवाई: सम्बंधित अनुभाग एवं अधिकारी
12. आतंरिक लेखा परीक्षा निरिक्षण के समय राजभाषा का निरिक्षण और रिपोर्ट देने के सम्बन्ध में : सभी सम्बंधित आतंरिक लेखा – परीक्षा टीम के प्रमुख इसके लिए जाँच – बिंदु बनाया जाता है कि वह यह सुनिश्चित करें कि सभी आतंरिक लेखा – परीक्षा के दौरान अपनी निरिक्षण टिप्पणियों / रिपोर्ट्स में राजभाषा का प्रयोग सम्बन्धी टिप्प्णी अवश्य दें और अपनी रिपोर्ट हिंदी / द्विभाषी रूप में प्रस्तुत करें |
कार्यवाई: सम्बंधित सभी लेखा – परीक्षा दल
सामान्य जिम्मेदारी :
राजभाषा अधिनियम और उसके अधीन बनाये गए नियमों के अनुसार जो पत्र / परिपत्र अथवा सरकारी कार्य आदि हिंदी अथवा द्विभाषी रूप में जारी होने चाहिए वे उसी रूप में जारी होते हैं यह देखने कि सामान्य जिम्मेदारी पत्र या प्रलेख पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी का भी है | अतः हस्ताक्षर से पूर्व ऐसे अधिकारी अथवा शाखाधिकारी ये सुनिश्चित कर लें कि ऐसे पत्र / प्रलेख आदि नियमानुसार हिंदी में या द्विभाषी रूप में जारी किये जा रहे हैं |
सभी सम्बंधित अधिकारियों / अनुभागों को निर्देशित किया जाता है कि उपर्युक्त जाँच बिन्दुओं का अनुपालन प्रभावी एवं कड़ाई से करें |