हाल ही म क 7 सरकार क मॉडल अन ंध कृ िष अधिनयम, 2018 (Model Contract Farming Act, 2018) क तज´
अन ंध कृ िष (Contract Farming)
xxxxxxxxxx.xxx/xxxxx/xxxxxxxx/xxxxxxxx-xxxxxxx-0
संदंदभ´´:
xxx ही म क 7 सरकार क मॉडल अन ंध कृ िष अधिनयम, 2018 (Model Contract Farming Act, 2018) क तज´
पर अन ंध कृ िष पर कान बनाने वाला तिमलनाडु देश का पहला राčय बन गया है।
अ&य संबंबंंधत त“य:
xxx ही म तिमलनाडु सरकार (ारा पा)रत कृ िष उपज एवं पशधु न अन
ंध कृ िष व सेवा (संव,´न और सुिवधा)
अधिनयम [Agricultural Produce and Livestock Contract Farming and Services (Promotion and Facilitation) Act] नामक काननू को रा/0पत ने 5वीकृ त 2दान क ।
यह अधिनयम अ3यधक फसल उपज या बाज़ार क क मत6 म उतार-चढ़ाव के दौरान िकसान6 के िहत6 क र:ा करने
वाले पंजीकृ त समझौत6 के अन ार िकसान6 को प ´ िनधा)´ रत म य पर भ तान िकया जाना सुिन&त करता है।
इस कान के अनुसार, िकसान6 को उ3पादन एवं उ3पादकता म स
ार हेतु िनवेश, खाद, चारा, 2ौhोिगक आिद क
िलये खरीदार6 का समथ´न 2ाD होगा।
इस अधिनयम म कृ िष, बागवानी, मधुमFखी पालन, रशम उ3पादन, पशपु ालन या वन संबंधी गतिवधय6 के आउटपुट
सिHमिलत हI लेिकन कान (ारा 2तबंधत या िनिष, उ3पाद6 को इसम शािमल नहJ िकया गया है।
इस अधिनयम के समु चत काया&´ वयन को सिु न&त करने हेतु तिमलनाडु राčय अन
ंध कृ िष एवं सेवा (संव,´न व
सुिवधा) 2ाधकरण [Tamil Nadu State Contract Farming and Services (Promotion and Facilitation) Authority] नामक छह सद5यीय िनकाय का भी गठन िकया जाएगा।
अनबुबु ंधंध कृृ िष Fया है?ै
अन ंध कृ िष के अंतग´त खरीदार6 (खाh 2सं5करण इकाई व िनया´तक) तथा उ3पादक6 के म“य फसल-पूव´ समझौते या
अन ंध िकये जाते हI ■जसके आधार पर कृ िष उ3पादन (पशुधन व म Qपालन) िकया जाता है।
अनुबंध कृ िष को समवतQ स ी के तहत शािमल िकया गया है, जबिक कृ िष राčय सूची का िवषय है।
सरकार ने अन ंध कृ िष म संलR फमS को आवTयक व5तु अधिनयम, 1955 के अंतग´त खाh फसल6 क भडारण
सीमा एवं आवाजाही पर मौज
ा लाइस ↓सग और 2तबंध से छू ट दे रखी है।
भारत म अनबु
ंधंध कृृ िष सेे संबंबंंधत कानूनून:
अनुबंध कृ िष के उ3पादक6 एवं 2ायोजक6 के िहत6 क र:ा के िलये कृ िष मंVालय ने मॉडल कृ िष िवपणन सिमत अधिनयम, 2003 का मसौदा तैयार िकया था ■जसम 2ायोजक6 के पंजीकरण, समझौते क )रकॉडग, िववाद िनपटान तंV आिद के 2ावधान हI।
फल5वVप कु छ राčय6 ने इस 2ावधान के अनुसरण म अपने APMC अधिनयम6 म संशोधन िकया परत म अनुबंध कृ िष पर अलग कानून है।
ु पंजाब
क 7 सरकार मॉडल अनुबंध कृ िष अधिनयम 2018 के मा“यम से राčय सरकार6 को इस मॉडल अधिनयम के अनुVप
5प/ अनुबंध कृ िष काननू अधिनयिमत करने हेतु 2ो3सािहत कर रही है।
इसे एक संव, है।
ा3मक एवं सिु वधाजनक अधिनयम के Vप म तैयार िकया गया है तथा यह िविनयामक 2कृ त का नहJ
अनुबुबंधंध कृृ िष के
लाभ:
िकसान6 के िहत6 क र:ा: यह िकसान6 को उनक उपज के िलये एक आYासन वाला बाज़ार मुहैया कराती है तथा
बाज़ार क क मत6 म उतार-चढ़ाव से उ&ह सरु :त करके उनके जोिखम को कम करती हI।
पूव´ िनधा)´ रत क मत , फसल कटाई के बाद होने वाली :त के मामले म 2तपूत करने का अवसर 2दान करती है।
कृृ िष म िनजी भागीदारी: जैसा िक रा/0ीय कृ िष नीत (ारा प)रकि<पत है, यह कृ िष म िनजी :ेVक के िनवेश को
2ो3सािहत करती है तािक नई 2ौhोिगक , िवकासशील बुिनयादी ढा े आिद को बढ़ावा िदया जा सके ।
िकसान6 क उ3पादकता म सुधधु ार: यह बेहतर आय, वै]ािनक प,त एवं ^े डट सिु वधाओं तक पहुँच बढ़ाकर कृ िष :ेV क उ3पादकता व द:ता को बढ़ाती है ■जससे िकसान क आय म वृ, के साथ-साथ रोज़गार के नए अवसर एवं खाh सरु :ा 2ाD होती है।
बेहेहतर म<ूू<य क खोज: यह APMC के एकाधकार को कम करती है एवं कृ िष को एक संगिठत गतिवध बनाती है
■जससे गुणवVा व उ3पादन क माVा म सुधार होता है।
िनयात´
म वृृ,: यह िकसान6 को खाh 2सं5करण उhोग (ारा आवTयक फसल6 को उगाने एवं भारतीय िकसान6 को
वैYक आपूत aंखलाओं से िवशेष Vप से उb म य वाले बागवानी उ3पादन से जोड़ने के िलये 2ो3सािहत करती ह
तथा खाhाd क बबा ी को काफ कम करती है।
उपभोNाओंं को लाभ: िवपणन द:ता म वृ,, िबचौिलय6 का उ&म न, िविनयामक अनुपालन म कमी आिद से उ3पाद
के कृ िVम अभाव को कम िकया जा सकता है तथा खाh म य म7ु ा5फ त को िनयंिVत िकया जा सकता है।
अनुब
ंधंध कृृ िष क चुन
ौतयाँँ:
अन ंध कृ िष के मामले म आवTयक उपज6 के 2कार, ि5थतय6 आिद के संदभ´ म राčय6 के कानून के म“य एकVपता
या समVपता का अभाव है। राज5व क हािन क आशंका के चलते राčय सुधार6 को आगे बढ़ाने के 2त अिनfछु क रहे हI।
:ेVेVीय असमानता को बढ़ावा: वत´मान म यह कृ िष िवक■सत राčय6 (पंजाब, तिमलनाडु आिद) म 2चिलत है, जबिक लघु
एवं सीमांत िकसान6 क उbतम सघनता वाले राčय इसका लाभ नहJ उठा पा रहे हI।
भू-ू जोत6 का आकार: उb लेन-देन एवं िवपणन लागत के कारण खरीदार लघु एवं सीमांत िकसान6 के साथ अनबु ंध कृ िष को वरीयता नहJ देते हI। साथ ही इस हेतु उ&ह कोई िवशेष 2ो3साहन नहJ िमलता है। इससे सामा■जक-आथक
िवकृ तय6 को बढ़ावा िमलता है एवं बड़े िकसान6 के िलये वरीयता क ि5थत पैदा होती है।
वष´ 2015-16 क कृ िष संगणना के अन ार, 86 2तशत भ-ू जोत6 का 5वािम3व लघु एवं सीमांत िकसान6 क
पास था तथा भारत म भू-जोत6 का औसत आकार 1.08 हेFटेयर था।
यह िनवेश के िलये कॉपPरट जगत पर िकसान6 क िनभर´ ता को बढ़ाता है ■जससे वे कमज़ोर होते हI।
पूव´ िनधा´)रत म
य, िकसान6 को उपज के िलये बाज़ार म उb म
य6 के लाभ से वंचत कर सकते हI।
कृृ िष के िलयेे पूजंं ी गहन एवंं कम संधंधारणीय पैटैटन´´: यह उव´रक6 एवं पीड़कनाशय6 के बढ़ते उपयोग को बढ़ावा देता है जो
2ाकृ तक संसाधन6, पया´वरण, मनु4य6 व जानवर6 पर हािनकारक 2भाव डालते हI।
एकल कृृ िष को 2ो3साहन: यह न के वल मृदा क सेहत को 2भािवत करता है अिपतु खाh सुर:ा के िलये भी खतरा उ3पd करता है एवं खाhाd6 के आयात को बढ़ावा देता है।
आगेे क राह:
अन ंध कृ िष म सिHमिलत खाh संसाधन6 को कर म छू ट दी जा सकती है ■जसके बदले म उ&ह lामीण अवसंरचना,
िकसान क<याण आिद म िनवेश करने के िलये 2े)रत िकया जा सकता है।
अन ंध कृ िष के िलये आयात िकये जा रहे कृ िष उपकरण6 पर लगने वाले शु<क को हटाया जा सकता है।
सरकार को िकसान6 एवं खरीदार6 के म“य 2त5प,ा´ को बढ़ावा देकर और सूचना िवषमता को कम करके एक स:म वातावरण 2दान करने पर “यान क ि7त करना चािहये।
अंततः सभी राčय6 को िकसान6 के िलये एक सामान सुर:ा सुिन&त करने हेतु मॉडल अनुबंध कृ िष अधिनयम को अपनाना एवं काया´ि&वत करना चािहये। साथ ही खरीदार6 के िलये एक स:म पा)रि5थतक तंV क nयव5था सुिन&त करनी चािहये।