SIDBI Fair Practices Code
सिडबी की उचित व्यवहार िंहहता
1. ऋण के सिए आवेदन और उनका ििाधन
1. Applications for loans and their processing
क) सिडबी में िभी उधारकर्ााओं के सिए विस्र्र्ृ ऋण आिेदनपत्र उपिब्ध है। आिेदनपत्र उपिब्ध करार्
िमय, सिडबी िावषाकीकृ र् ब्याजदरों के िाथ िागू ब्याजदरों र्था ििाधन के सिए दये शुल्क /प्रभारों (यदद कोई
होंगे), िमयपिा चकु ौर्ी के विकल्प ि प्रभारों (यदद कोई होंगे) र्था ककनहहं अनय मुद्दों, जैिे – िीजीटहएमएिई
गारंटह की उपिब्धर्ा की जानकारह उपिब्ध कराएगा, जो उधारकर्ाा के दहर्ों को प्रभाविर् करर्े हों, र्ाकक अनय
बकों की योजनाओं के िाथ अथापण
ा र्ि
ना की जा िके और उधारकर्ाा िुविचाररर् ननणाय कर िके । सिडबी का
यह प्रयाि रहा है कक िह अपने िब-पोटाि के माध्यम िे उपयक्ुा र् िभी जानकाररयााँ ऑनिाइन उपिब्ध कराए।
प्रत्यक्ष वित्र् उत्पादों के िंबंध में ऑनिाइन ऋण आिेदनपत्र उपिब्ध हैं। ऐिे आिेदन उद्यमीसमत्र पोटाि के
माध्यम िे भी प्रस्र्र् ककए जा िकर्े हैं।
a) SIDBI has comprehensive loan application forms for the borrowers. At the time of making available application form, SIDBI will provide information about the interest rates applicable along with the annualized rates of interest, and the fees/charges, if any, payable for processing, pre-payment options and charges, if any, and any other matter such as availability of CGTMSE guarantee which affects borrower’s interest, so that a meaningful comparison with those of other banks can be made and informed decision can be taken by the borrower. It has been the endeavour of SIDBI to make available online all the information as above through its web-portal. Online loan application forms are available in respect of the direct finance products. Such applications can also be submitted through Udyamimitra portal.
ख) सिडबी िभी ऋण आिेदनों के सिए प्राप्तर्-ि
ना देर्ा है। बक
ने ऋण श्रेणीननधाारण (क्रे डडट रेदटंग) के सिए
जोखखम मूल्यांकन उपाय स्थावपर् ककए है, प्जििे मूल्यांकन ि िंिाधन (कारािाई) के िमय में कमी आई है और
एिएमई घटक के छोटे ग्राहकों र्क िीधे पहुाँचने में अत्यंर् मदद समिह है। िर्ोषजनक रूप िे िप ा जानकारह /
आाँकडे / स्पष्टहकरण / ररपोटें, आदद के समिने की र्ारहख िे ऋण आिेदनों को ननपटाने र्क िगने िािे अपेक्षक्षर्
िमय का उल्िेख इन प्राप्तर्-ि नाओं में होर्ा ह।ै
b) SIDBI provides acknowledgements for receipt of all loan applications. The Bank has put in place risk assessment tools for credit rating which have enabled to great extent to directly reach out to smaller customers in the MSME segment by cutting down the appraisal and processing time. Expected time
frame for disposal of loan applications, from the date of satisfactory receipt of complete information/ data/ clarifications/ reports, etc., would also be indicated to applicants.
ग) सिडबी ऋण आिेदनों का ित्यापन एक िमुचचर् अिचध के भीर्र करेगा। यदद अनर्ररक्र् ब्यौरों /दस्र्ािेजों की आिश्यकर्ा होगी, र्ो उधारकर्ाा को यथाशीघ्र िूचचर् ककया जाएगा।
c) SIDBI would verify the loan applications within a reasonable period of time. If additional details/ documents are required, borrowers would be intimated at the earliest.
घ) जहााँ-कहहं आिश्यक होर्ा है, सिडबी अपने िचू ीबद्ध मल्
यांकनकर्ााओं और अचधिक्र्ाओं के माध्यम िे िप
ाप्श्िाक
प्रनर्भूनर् का मूल्यांकन और स्ित्ि की छानबीन करर्ा है। इन कायों िे िबंचधर् िागर् और शुल्क िंबंधी खचे
उधारकर्ाा िहन करेगा और ये अचग्रम रूप में सिए जाएगे र्था िापिी-योग्य नहहं होंगे।
d) SIDBI undertakes valuation and title search of the collateral, wherever required, through its empanelled valuer and advocates. The cost and charges in respect of such assignments shall be borne by the borrower and taken in advance and would be non-refundable.
ड.) बक
के नीनर्गर् ढााँचे और / अथिा जोखखम अिधारणा के आधार पर, विस्र्र्
म यांकन करने के बाद अथिा
उिके बबना, यदद आिेदनपत्र िहायर्ा-योग्य न पाए जाने के कारण, वित्र्ीय िहायर्ा िे इनकार ककया जाएगा, र्ो ग्राहक के अपेक्षा करने पर सिडबी ऐिे िभी आिेदनपत्रों के मामिे में, उि /उन मुख्य कारण(णों) को स्पष्ट करर्े
हुए र्द्विषयक सिखखर् जानकारह देगा, प्जिके /प्जनके आधार पर, बक की राय में, ऋण आिेदन विचधिर् ् विचार
के बाद xxxxxxxx ककए गए हैं। आिेदक को इि र्रह की िूचना यथाशीघ्र प्रेवषर् की जाएगी / मेि िे भेजी जाएगी।
e) In case of all applications which are denied financial assistance, on account of not being found support worthy as per the policy framework and/or risk perception of the Bank, either with or without detailed appraisal, SIDBI, if so required by the customer, would convey in writing, the main reason/ reasons which in the opinion of the Bank after due consideration, have led to rejection of the loan applications. Such communication to the applicant would be dispatched/mailed as soon as possible.
2. ऋण मूलयांकन और xxxx xxx
2. Loan appraisal and terms / conditions
क) जोखखम ननधाारण मॉडि के पररचािनरर् ककए जाने के िाथ, जो पररयोजनाओं के विसभनन पहिुओं के विस्र्र्ृ
जोखखम विश्िषण की प्रकक्रया ह,ै सिडबी िुननप्श्चर् करर्ा है कक उधारकर्ाा िे प्रातर् ऋण आिेदनपत्र का उचचर्
और िज्ञ
ाननक मूल्यांकन हो। उधारकर्ाा/ पररयोजना की ऋण-पात्रर्ा के विषय में बक
विस्र्र्
रूप िे िम्यक्
कर्ाव्यपराणर्ा (ड्यू डडसिजेनि) र्था मूल्यांकन िंपनन करेगा।
a) With the operationalisation of the Risk Assessment Model, which is an exercise in detailed risk analysis of the various facets of the projects, SIDBI ensures that there is proper and scientific assessment of credit application submitted by borrowers. The Bank would carry out detailed due diligence and appraisal exercise on credit worthiness of the borrower/ project.
ख) सिडबी उधारकर्ाा को ऋण /उधार िीमा र्था उिकी शर्ें िूचचर् करेगा और उक्र् शर्ों पर उधारकर्ाा की
xxxxxxxxx नर्, जो उिने अपनी परह जानकारह में xx x,ै अपने असभिेख में रखेगा।
b) SIDBI would convey to the borrower the loan/ credit limit along with the terms and conditions thereof and would keep the borrower's acceptance of these terms and conditions given with his full knowledge on record.
ग) सिडबी और उधारकर्ाा के बीच बार्चीर् िे र्य होने एिं िमझौर्ा होने के बाद सिडबी द्िारा प्रदत्र् ऋण
िुविधाओं िे िबंचधर् शर्ें र्था अनय प्रािधान सिवपबद्ध ककए जाएाँगे और सिडबी के प्राचधकृ र् अचधकारह उनहें
प्रमाखणर् करेंगे। ऋण करार की एक प्रनर् और ऋण करार में उप्ल्िखखर् िभी िंिग्नकों की एक प्रनर् उधारकर्ाा को दह जाएगी।
c) Terms and conditions and other caveats governing credit facilities given by SIDBI arrived at after negotiation between SIDBI and borrower would be reduced to writing and duly certified by SIDBI's authorised official. A copy of loan agreement along with a copy each of all enclosures quoted in the loan agreement would be furnished to the borrower.
घ) जहााँ र्क िभि हो, सिडबी कोसशश करेगा कक ऋण करार में उन ऋण िुविधाओं का स्पष्ट उल्िेख हो, जो
प ार्या सिडबी के वििेक पर ननभार होंगी। इनमें िुविधाओं का अनुमोदन अथिा उनका अस्िीकरण शासमि हो
िकर्ा है, जिे कक स्िीकृ र् िीमा िे अचधक आहरण, ऋण मंज ह में विसशष्ट रूप िे िहमर् उद्देश्य के अिािा
ककिी अनय उद्देश्य हेर्ु जारह चेक िकारना, और ककिी खार्ेदार के गैर-ननष्पादक आप्स्र् के रूप में िगीकृ र् ककए
जाने के पश्चार् ् अथिा मंजरह-शर्ों का अनपु ािन न करने पर उधार खार्े िे आहरण न करने दनाे । इिका भी
विसशष्ट रूप िे उल्िेख ककया जाएगा कक ऋण िीमाओं की िमुचचर् िमीक्षा या निीन म यांकन के बबना,
व्यििाय-िवृ द्ध, आदद कारणों िे उत्पनन उधारकर्ाा की भािी आिश्यकर्ाओं की पनू र्ा हेर्ु सिडबी की कोई बाध्यर्ा नहहं है।
d) As far as possible, SIDBI would endeavour that the loan agreement clearly stipulates credit facilities that are solely at the discretion of SIDBI. These may include approval or disallowance of facilities, such as, drawings beyond the sanctioned limits, honouring cheques issued for the purpose other than specifically agreed to in the credit sanction, and disallowing drawing on a borrowal account on its classification as a non-performing asset or on account of non-compliance with the terms of sanction. It would also be specifically stated that SIDBI does not have any obligation to meet further requirements
of the borrowers on account of growth in business etc., without proper review of credit limits or fresh appraisal.
ङः) िहायर्ा-िंघ के अंर्गार् ऋण-प्रदायगी के मामिे में, एक प्रनर्भागी पक्ष के रूप में सिडबी ऐिी प्रकक्रया विकसिर्
करेगा, र्ाकक जहााँ र्क व्यिहाया हो, प्रस्र्ािों का मूल्यांकन िमयबद्ध र्रहके िे हो जाए और वित्र्ीयन के िंबध अथिा अनय कोई ननणाय िमुचचर् िमय-िीमा में िूचचर् कर ददया जाए।
में
e) In the case of lending under consortium arrangement, SIDBI, as a participating lender, would evolve procedures to complete appraisal of proposals in the time bound manner to the extent feasible, and communicate its decision on financing or otherwise within a reasonable time.
3. ऋणों का िंववतरण तथा शतों में पररवततन
3. Disbursement of loans including changes in terms and conditions
सिडबी मंजर
ककए गए ऋणों का, मंजर
ह िे िंबंचधर् शर्ों के अनुरूप, िमय पर िंविर्रण िुननप्श्चर् करेगा। ब्याजदरों,
िेिा-प्रभारों, आदद िदहर् शर्ों में कोई पररिर्ान होने पर सिडबी उिकी िचू ना देगा। बक कक ब्याजदरों र्था प्रभारों में पररिर्ान भािी प्रभाि िे िागू ककए जाएाँ।
यह भी िुननप्श्चर् करेगा
SIDBI would ensure timely disbursement of loans sanctioned in conformity with the terms and conditions governing such sanction. SIDBI would give notice of any change in the terms and conditions including interest rates, service charges, etc. The Bank would also ensure that changes in interest rates and charges are levied on disbursements only with prospective effect.
4. िंववतरण-पश्िात ् पयवेक्षण
4. Post disbursement supervision
क) िंविर्रण-पश्चार् ् सिडबी जो पयािेक्षण करेगा, िह रचनात्मक (कनस्रप्क्टि) होगा और इि ढंग िे ककया जाएगा
कक उििे न के िि यह िुननप्श्चर् हो कक उधारकर्ाा की ननयसमर् काया प्रकक्रया बाचधर् न हो और उधारकर्ाा को अिुविधा का िामना न करना पडे, बप्ल्क िह सिडबी के दहर्ों और ददशाननदेशों के अनुपािन का भी ध्यान रख
िके ।
a) Post disbursement supervision by SIDBI would be constructive in a manner which not only ensures that the routine work process of the borrower is not impeded and borrower does not face inconvenience but also takes care of SIDBI’s interest and compliance with the guidelines.
ख) ऋण िापि मााँगने / भुगर्ान अथिा करार के अंर्गार् कायाननष्पादन में र्जी िाने अथिा अनर्ररक्र् प्रनर्भनू र्यााँ मााँगने का ननणाय करने िे पहिे, सिडबी उधारकर्ााओं को ऋण करार में विननददाष्ट अिचध का अथिा यदद ऋण करार में ऐिी कोई शर्ा विननददाष्ट नहहं होगी, र्ो उचचर् अिचध का नोदटि देगा।
b) Before taking a decision to recall/ accelerate payment or performance under the agreement or seeking additional securities, SIDBI would give notice to borrowers, as specified in the loan agreement or a reasonable period if no such condition exists in the loan agreement.
ग) (i) ऋण की चुकौर्ी या ििूिह हो जाने या अनय िहमर् या िंविदागर् देयरासशयों का भुगर्ान प्रातर् हो जाने के बाद, िंबंचधर् पक्षकार िे औपचाररक अनुरोध प्रातर् होने पर, सिडबी 15 (पंद्रह) कायाददििों के अंदर, अपने कायााियों में, िमस्र् प्रनर्भूनर्यााँ िौटा देगा, बशर्े सिडबी का उधारकर्ाा /प्रनर्भूनर्यों के विरुद्ध कोई ग्रहणाचधकार
अथिा कोई िैध अचधकार या ककिी ऋणदार्ा /प्राचधकारह का कोई अनय प्रभार या कोई दािा मौज न हो और
िंबंचधर् पक्षकार अपना निीनर्म पर्ा एिं पहचान िंबधी िाक्ष्य प्रस्र्ुर् करें।
c) (i) At the formal request of the party concerned, SIDBI would release the securities , at its office, within 15(fifteen) working days after it receives repayment or realization of loan, or other dues agreed to or contracted, subject to any lien or legitimate right or any other charges of any lender/ authority or claim that may exist against borrower / the securities and the party concerned furnishing latest address and identity proofs.
(ii) यदद िमायोजन िब
ंधी या अनयथा ऐिे ककिी अचधकार का इस्र्ेमाि ककया जाएगा, र्ो सिडबी िब
ंचधर् पक्षकार
को उिके विषय में िूचचर् करेगा और उिके िाथ शष दािों, ग्रहणाचधकार या अनय अचधकारों र्था उन प्रािधानों
की पूरह जानकारह दह जाएगी, प्जनके आधार पर सिडबी को र्त्िंबंधी दािे के ननपटान/भुगर्ान होने या अचधकार
िंर्ुष्ट हो जाने /अचधत्याग ककए जाने र्क प्रनर्भूनर्यााँ या बंधक िंपप्त्र् के स्ित्ि दस्र्ािेज़ अपने पाि रखने का अचधकार है।
(ii) If such right of set off or otherwise is to be exercised, SIDBI shall intimate about it to the party concerned with full particulars about remaining claims, lien or other rights and the provisions under which SIDBI is entitled to retain the securities or documents of title of the mortgaged property till the relevant claim is settled / paid or right satisfied/ waived.
5. िामान्य
5. General
क) सिडबी उधारकर्ााओं के मामिे में हस्र्क्षेप करने िे परहेज करेगा, सििाय उन मामिों के प्जनके सिए ऋण
मंजूरह िंबंधी दस्र्ािेजों की शर्ों में प्रािधान हों (जब र्क कक ऐिी कोई नई जानकारह सिडबी के ध्यान में न आई हो, जो उधारकर्ाा ने पहिे न दह हो)।
a) SIDBI would restrain from interference in the affairs of the borrowers except for what is provided in the terms and conditions of the loan sanction documents (unless new information, not earlier disclosed by the borrower has come to the notice of SIDBI).
ख) सिडबी ऋण प्रदायगी के मामिे में सिग, जानर् और धमा र्था राजनीनर्क विचारधाराओं के आधार पर कोई
भेदभाि नहहं करेगा। ककनर्ु यह प्रािधान िमाज के कमज़ोर िगों के सिए र्ैयार की गई ऋण िहबद्ध योजनाओं में सिडबी को भाग िेने िे नहहं रोकर्ा है।
b) SIDBI would not discriminate on grounds of sex, caste, religion and political ideologies in the matter of lending. However, this does not preclude SIDBI from participating in credit linked schemes framed for weaker sections of the society.
ग) सिडबी वित्र्पोवषर् भांडार (स्टॉक) और/या आप्स्र्यों के ित्यापन के सिए अपने कमाचाररयों या प्राचधकृ र्
प्रनर्ननचधयों के माध्यम िे उधारकर्ााओं के पररिरों का ननरहक्षण करने का अपना अचधकार िरक्षक्षर् रखगाे । ऋण
ििि
ह के मामिे में, सिडबी ऋणों की ििि
ह का काया बदहर्स्रोर् (आउटिोिा) करर्े िमय भा.रर.बक
के मौज ा
ददशाननदेशों का पािन करेगा।
c) SIDBI will reserve its right to undertake visits, either by its staff or authorised representatives, to the borrowers’ premises for verification of the stocks and/or assets financed. In the matter of recovery of loans, SIDBI would comply with the extant guidelines of RBI when outsourcing the recovery of loans.
घ) उधार खार्े के अंर्रण के िंबंध में उधारकर्ाा िे अथिा खार्े के अचधग्रहण के सिए ककिी बक / वित्र्ीय िंस्था
िे अनुरोध प्रातर् होने पर, सिडबी की िहमनर् अथिा अिहमनर्, अथाार् ् आपप्त्र्, यदद हो, की ि ना िामानयर्ः
ऐिा अनरोध समिने की नर्चथ िे 21 कायाददििों के भीर्र दह जाएगी।
d) In case of receipt of request for transfer of borrowal account, either from borrower or from a bank/ financial institution, which proposes to take over the account, the consent or otherwise i.e. objection of SIDBI, if any, would normally be conveyed within 21 working days from the date of receipt of request.
6. पररवेदना ननवारण :
6. Grievance Redressal:
अनय कारणों के िाथ-िाथ, उचचर् व्यिहार िंदहर्ा के फिस्िरूप उत्पनन वििादों के िमाधान के सिए सिडबी ने सशकायर् एिं पररिेदना ननिारण नीनर् बनाई है। इि कायाप्रणािह में यह िुननप्श्चर् ककया जार्ा है कक सिडबी के
पदाचधकाररयों /कायाकर्ााओं के ननणायों के कारण उत्पनन िभी वििादों की जााँच और ननस्र्ारण िक्षम पररिदना
ननिारण प्राचधकारह द्िारा ककया जाए। िाथ xx, यदद सशकायर्कर्ाा ननिारण िब
ंधी कारािाई िे िर्
ुष्ट नहहं है, xxx
यह प्रािधान भी उपिब्ध है कक सशकायर्कर्ाा अपीिहय प्राचधकारह को अपीि कर िके । सिडबी की ग्राहक पररिेदना
xxxxx का वििरण हमारह िेबिाइट www.सिडबी.भारर् में “ग्राहक ििा” के अधीन ददया गया ह।ै
SIDBI has a Complaints and Grievance Redressal Policy in place to resolve the disputes arising, inter alia, out of Fair Practice Code. The mechanism ensures that all disputes arising out of the decisions of
7. िंदहर्ा की िमीक्षा
7. Review of the Code:
जब कभी आिश्यकर्ा महिि की जाएगी, सिडबी इि िंदहर्ा की िमीक्षा करेगा। ऐिी िमीक्षा उन पररिर्ानों क
अिािा होगी, जो बीिीएिबीआई र्था भा.रर.बक द्िारा के गए पररिर्ानों के कारण आिश्यक होंगे।
This Code will be reviewed periodically by SIDBI as and when felt necessary, in addition to changes necessitated on account of changes made by BCSBI and RBI.
8. िंदहर्ा का असभरक्षक
8. Custodian of the Code:
इि नीनर् का असभरक्षक प्रत्यक्ष ऋण उद्-भाग या यथाननददाष्ट कोई अनय उद्-भाग होगा।
Direct Credit Vertical or such Vertical as identified shall be the Custodian of the Policy.
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