यापार समझौता 5तािवत (FTA)
भारत और ई.ए.ई.xx. के बीच म
यापार समझौता 5तािवत (FTA)
xxxxxxxxxx.xxx/xxxxx/xxxxxxxx/xxxxxxxx-xxxx-xxxxx-xxxxxxxxx-xxxxxxx-xxxxx-xxx-xxxx
संदंदभ´´
1 जनू को Vस के स#ट पीटस´बग´ म#, Vस के नेतृ'व वाले यूरे शयन इकोनॉिमक यूिनयन (EAEU) क- भारत के साथ बैठक होने
वाली है। इस बैठक म# भारत के धानमं3ी नर7
xxxx और Vस के रा56पत लािदमीर पुतन ‘म यापार समझौते (Free
Trade Agreement - FTA) पर चचा´ करग#। इस बात क- पया´8 संभावना है िक भारत इस मुN यापार समझौते म# ई-
कॉमस´ (Electronic Commerce) को शािमल िकये जाने का िवरोध करगा।
मह9वपूणूण´´ Ėबदुु
उ=ेखनीय है िक ई.ए.ई.xx. के सद5य देश? के साथ भारत का यापार करीब 10 अरब डॉलर का है।
अगर ई-कॉमस´ क- बात कर# तो एक संयN यवहाय´ता अ“ययन (xx.एफ.एस.) समूह ने ई-कॉमस´ को मुN यापार
समझौते म# शािमल करने का समथ´न िकया है।
ई.ए.ई.xx. ■जसम# अम`िनया, बेलाVस, कज़ािक5तान और िकfग5तान भी xxxxx xX, ने 5तािवत एफ.xx.ए. के तहत ई-
कॉमस´ पर भारत के साथ ‘एक सामाIय कान ी ढाचँ ा’ तैयार करने क- मांग क- है, लेिकन ई-कॉमस´ कानून? और
िविनयम? क- िदन?िदन िवक■सत हो रही कृ त को देखते हुए भारत इसम# ‘बाज़ार तक पहुँच सिु न&त करने वाले त9वो’ (Market access elements) को शािमल करने के िलये तैयार नहN है।
इस तरह के कानूनी ढा े से यापार बढ़ेगा, यापार स ु यवि5थत होगा, सीमा-पार वाणिčयक गतिवधय? म# िन&तता
आएगी तथा यापार म# देरी और लागत को कम करने म# भी मदद िमलेगी। यह शासन के आधुिनक-करण म# वाहक का
काम करगा।
xx.एफ.एस. (JFS) का कहना है िक ई.ए.ई.xx. और भारत इलेFट6 ॉिनक माणीकरण और ड■जटल ह5ताTर जैसे मुU? पर भी चचा´ कर सकते हH। इसके अलवा, िनजी डेटा संरTण, ई-कॉमस´ तभागी संरTण, सीमा-पार डेटा वाह तथा इलेFट6 ॉिनक द5तावेज़ो के उपयोग पर भी चचा´ क- जाएगी।
Vात य है िक ई.ए.ई.xx. ने िवयतनाम के साथ एफटीए म# ई-कॉमस´ के मुU? को शािमल िकया हुआ है, खासकर इलेFट6 ॉिनक ह5ताTर और इलेFट6 ॉिनक द5तावेज़? क- पार5पWरक माIयता के मुU? को।
हालािँ क, भारत ने ई-कॉमस´ पर ई.ए.ई.xx. के साथ िXपTीय सहयोग के मUु ? पर चचा´ करने तथा ई-कॉमस´ पर सवPVम
अ[यास? को साझा करने पर अपनी सहमत यN क- है।
वत´मान म#, देश म# ई-कॉमस´ के यापार से यापार (B2B) संबंधी गतिवधय? म# 5वचािलत माग´ से 100% िवदेशी
'यT िनवेश (एफ.डी.आई.) क- अनुमत दान क- गई है, लेिकन ई-कॉमस´ के िबज़नेस-टू -कं ज़मू र (B2C) म# एफ.डी.आई. क- अनुमत नहN है।
भारत क- Fया हैै आपिV ?
हालाँिक, भारत इस बढ़ते ऑनलाइन कारोबार के मह9व को समझ रहा है लेिकन ई-कॉमस´ पर देश म# आम सहमत क- कमी है।
भारत को बहुपTीय 5तर (Multilateral Level) पर ई-कॉमस´ पर, बाज़ार पहुँच के मुUे पर होने वाली वाता´ओं को शािमल करने पर भी आपिV है।
यूरूरेे शयन इकोनॉिमक यूिूिनयन (EAEU)
यूरे शयन इकोनॉिमक यूिनयन मु^यतः उVरी यूरे शया म# ि5थत राčय? का आथक संघ है।
ई.ए.ई.xx. क- 5थापना के िलये हुई संध पर बेलाVस, कज़ािक5तान और Vस के नेताओं ने 29 मई, 2014 को ह5ताTर िकये थे और 1 जनवरी, 2015 से यह संध लागू हो गई थी। आम`िनया और िकfग5तान को इस समूह म# बाद म# वेश िदया गया था।
Vात य है िक 1994 म# ही, कज़ािक5तान के रा56पत, नस´bु तान नज़रबेयव ने सबसे पहले "यूरे शयन यूिनयन" बनाने का िवचार 5तुत िकया था।
सद5य देश: आम`िनया, बेलाVस, कज़ािक5तान, िकfग5तान, Vस।