Ĥाकृ ितक आपदा fवदेश मंğालय इस दसत ावेज मɅ यथा िनfद[षट दंड एवं fडलीवरȣ कȧ अपे¢ाओं मɅ ढȣल देने पर fवचार कर सकता है, यfद िनषपादन मɅ fवलंब या संfवदा के अंतगत अपने दाियतवɉ का िनवाह करने मɅ अनय fवफलता Ĥाकृ ितक आपदा के कारण है तथा यह ढȣल उसी सीमा तक होगी िजस सीमा तक Ĥाकृ ितक आपदा का Ĥभाव होगा। Ĥाकृ ितक आपदा को ऐसी घटना के Ǿप मɅ पtरभाfषत fकया गया है िजसका तक[ संगत Ǿप से पूवानुमान नहȣं लगाया जा सकता ह,ै जैसे fक दैवी कृ तय (जैसे fक भूंकप, बाढ़, तूफान आfद), राजय ɉ के कृ तय , यƨ (घोfषत या अघोfषत) के Ĥतय ¢ एवं परो¢ पtरणाम, शğुता, राषĚ् ȣय आपातकालीन िèथितयां, घरेलू बलवा तथा सफल बोलीदाता के पtरसरɉ म हड़ताल। 11.