जनसङख्माको असन्द्ततु रत बौगोतरक हवतयण¸ फढ्य
ौरीउन्द्भख. जनसाष्टङ्ख्मक अवस्था¸ प्रततस्थाऩन तहबन्द्दा तरको जनसङख्मा वहृ िदय य फढ्दो आन्द्तरयक एवॊ फाह्म आप्रवासनरे साभाष्टजक तथा आतथक जीवनभा ऩानस क्ने असयको आकरन य हवश्रेषण गरयनेछ। हार उऩरधध जनसाष्टङ्ख्मक राबराई ऩूणु सदऩ मोग गनु तथा बहवष्टमभा भरक तबि जनशष्टक्त अबाव हनु